एनर्जी औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास की आधारशिला है।
एनर्जी औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास की आधारशिला है। रिन्यूवेबल एनर्जी की ओर चल रहे बदलाव और सरकार के नेट जीरो एमिशन को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ—साथ यह एनर्जी थीम महत्वपूर्ण विकास की क्षमता भी प्रदान करता है। इसी को देखते हुए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एनर्जी ऑपर्च्युनिटीज फंड जारी किया है, जिसमें 16 जुलाई तक निवेश किया जा सकता है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है और जो मुख्य रूप से एनर्जी थीम में निवेश करेगी। इस स्कीम का उद्देश्य पारंपरिक और नए एनर्जी उद्योगों और सेक्टरों के साथ-साथ संबद्ध व्यवसायों में वृद्धि से जुड़ी या उससे लाभान्वित होने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी-संबंधित इंस्ट्रूमेंट में मुख्य रूप से निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि उत्पन्न करना है। इस स्कीम के माध्यम से निवेशक एनर्जी वैल्यू चेन में कंपनियों के विविध पोर्टफोलियो तक एक्सेस प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि निफ्टी एनर्जी इंडेक्स ने हाल ही में बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन मूल्यांकन उचित बना हुआ है।
अगले दशक में एनर्जी की मांग बढ़ने की उम्मीद
इस स्कीम का प्रबंधन संकरन नरेन और नित्या मिश्रा द्वारा किया जाएगा और इस स्कीम के लिए बेंचमार्क निफ्टी एनर्जी टीआरआई होगा। भारत के स्ट्रक्चरल ग्रोथ की कहानी काफी मजबूत है, जिसमें एनर्जी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है। जलवायु परिवर्तन, प्रीमियमाइजेशन, मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान केंद्रित करने और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि जैसे कारकों से प्रेरित होकर अगले दशक में एनर्जी की मांग बढ़ने की उम्मीद है। कई कंपनियां एनर्जी वैल्यू चेन में शामिल है, जो विविध पोर्टफोलियो के लिए अवसर प्रदान करती हैं। यह दशक भर चलने वाला थीम दीर्घकालिक निवेश का पक्षधर है, जो इसे दीर्घकालिक क्षितिज वाले निवेशकों के लिए स्कीम में निवेश करने के लिए उपयुक्त बनाता है।
विभिन्न सेक्टरों में किया जाएगा निवेश
जिन सेक्टर में यह स्कीम निवेश करेगी उनमें पावर एंसिलरीज - एनर्जी ईपीसी, पावर टीएंडडी वैल्यू, भारी विद्युत उपकरण, एनर्जी दक्षता (एनर्जी की मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रब्यूशन के लिए विद्युत उपकरणों का निर्माण) शामिल है। इनके अलावा ऑयल वैल्यू चेन में अपस्ट्रीम (ऑयल एक्सपलोरेशन एण्ड प्रोडक्शन), इंटीग्रेटेड रिफाइनिंग एण्ड मार्केटिंग (रिफाइनरीज और मार्केटिंग), स्टैंडअलोन रिफाइनिंग (रिफाइनरीज और मार्केटिंग), डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल्स (रसायन और पेट्रोकेमिकल्स कंपनियां) और बेस ऑयल प्रोसेसर्स (पारंपरिक और नई एनर्जी के एक्सपलोरेशन, प्रोडक्शन, डिस्ट्रब्यूशन, ट्रांसपोर्टशन और प्रोसेसिंग जैसी गतिविधियों में संलग्न कंपनियां), लुब्रिकेंट्स, ऑयल फील्ड सर्विसेज़ (ऑयल इक्विप्मेंट एण्ड सर्विसेज़) भी हैं। ग्रीन एनर्जी परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। इसमें भी निवेश किया जाएगा। पावर वैल्यू चेन में कोयला उत्पादक (कोयला), बिजली उत्पादन, बिजली ट्रांसमिशन, बिजली ट्रेडिंग भी इसमें शामिल है।