मुजफ्फरनगर

कांवड़ यात्रा मार्ग में होटलों और ढाबों पर मालिकों के नाम लिखने के आदेश पर गरमाई सियासत, रालोद ने खुद को किया अलग

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटलों और ढाबों पर उनके मालिकों के नेम प्लेट लगाने के आदेश के खिलाफ आरएलडी ने खुद को अलग कर लिया है।

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Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटलों और ढाबों पर उनके मालिकों के नेम प्लेट लगाने के आदेश का विरोध हो रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल ने भी इस आदेश से खुद को अलग कर लिया है। बिजनौर लोकसभा सीट से रालोद सांसद चंदन चौहान ने कहा कि ''गंगा-जमुनी तहजीब' को बचा कर रखना चाहिए।

रालोद सांसद चंदन चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा,'' जिंदगी में जब भी कठिन समय आए तो हमें अपने बड़े- बुजुर्गों के दिखाए हुए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। हम सब चौधरी चरण सिंह के अनुयायी हैं और उन्हीं के मार्ग पर चलेंगे। वो हमेशा धर्म और जाति व्यवस्था के खिलाफ थे। चौधरी चरण सिंह कभी नहीं चाहते थे कि समाज धर्म और जाति के आधार पर बंटे।''

उन्होंने कहा, ''जनता समझदार है, वो धर्म और जाति के आधार पर नहीं बटेगी। हम सब को मिलकर यही प्रयास करना चाहिए। सबके सहयोग से समाज चलता है।''

प्रशासन ने ढाबे के बाहर प्रोपराइटर के नाम का बोर्ड लगाने का दिया है निर्देश

बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले में एनएच-58 बाईपास पर स्थित 'साक्षी ढाबा' से चार मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है। ढाबे के मालिक लोकेश के मुताबिक पुलिस-प्रशासन ने उन्हें ढाबे के बाहर प्रोपराइटर के नाम का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया था। साथ ही ढाबे में काम कर रहे चार मुस्लिम युवकों को भी हटाने के लिए कहा था।

इसके बाद ढाबा मालिक लोकेश ने चारों मुस्लिम कर्मचारियों को एक सप्ताह पहले काम से हटा दिया। ढाबा मालिक का कहना है कि उसने प्रशासन के आदेश पर ऐसा किया, इसका उसको काफी दुख है।''

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