मेड़ता सिटी. आखा तीज यानी अक्षय तृतीया ने इस बार काश्तकारों को शुभ संकेत दिए हैं।
मेड़ता सिटी. आखा तीज यानी अक्षय तृतीया ने इस बार काश्तकारों को शुभ संकेत दिए हैं। बुजुर्गों और कृषि विशेषज्ञों के अनुसार अक्षय तृतीया पर हुई बारिश से इस ओर इशारा है कि मानसून में बढ़िया बारिश होगी। साथ ही इस पवित्र दिन को हुई बरसात से काश्तकारों को "जमाने' की उम्मीद भी बंधी है। मौसम विभाग के बताए अनुसार अगर एक-दो दिनों में इतनी ही बारिश और हो जाती है तो मेड़ता कृषि कलस्टर क्षेत्र के असिंचित क्षेत्र में किसान मूंगफली की बुवाई कर सकेंगे।
शुक्रवार शाम मेघगर्जन के साथ कभी बूंदाबांदी तो कभी तेज बारिश का सिलसिला रातभर चला। शनिवार सुबह 4 से 5 बजे के करीब भी शहर और क्षेत्र में बरसात हुई। तहसील कार्यालय के एएओ सुरेश नंगलिया ने बताया कि मेड़ता में 11 एमएम बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बारिश के बाद लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत मिली। वहीं अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी 5 से 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिली। एक ओर जहां अधिकतम तापमान 44 से घटकर 41 डिग्री सेल्सियस, वहीं न्यूनतम तामपान 35 से लुढ़कर 28 डिग्री पहुंच गया। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश के कई संभागों के साथ ही अजमेर डिवीजन में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जिसके चलते क्षेत्र में 12 व 13 मई को आंधी व हल्की बारिश हो सकती है।
बारिश होती है तो मूंगफली की बुवाई कर सकेंगे काश्तकार
मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए अलर्ट के अनुसार अगर आगामी 1-2 दिनों में बारिश होती है तो दो साल बाद इस बार मेड़ता कृषि कलस्टर क्षेत्र के काश्तकार असिंचित क्षेत्र में मूंगफली की बुवाई कर सकेंगे। दरअसल, अभी 11 एमएम तक ही बारिश हुई। अगर इतनी या इससे थोड़ी अधिक बरसात और हो जाती है तो असिंचित क्षेत्र में मूंगफली बुवाई आसानी से हो सकेगी।
बारिश से कपास की फसल को नुकसान
कृषि एक्सपर्ट्स के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से अक्षय तृतीया को हुई बारिश कपास की बोई गई फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। क्योंकि कपास की चुगाई कर दी और बारिश अधूरी हुई है। इसलिए बीज गर्म होकर कम पानी की वजह से जल जाएगा। इस बारिश की वजह से बुवाई किए गए कपास के बीज पर मिट्टी की परत जमने के साथ ही गर्मी के चलते झुलसने की संभावना रहेगी।
अनुभवी बोले- ठीक-ठाक रहेगा जमाना, बारिश अच्छी होगी
कृषि विशेषज्ञ एवं पूर्व सहायक निदेशक कृषि अणदाराम चौधरी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर हुई बारिश के साथ ही केर-सांगरी की पैदावार को देखते हुए इस बार मानसून सीजन में अच्छी बारिश के संकेत है। वहीं जमाना (फसलों की पैदावार, बारिश की स्थिति) ठीक-ठाक रहेगी।