नागौर. प्रदेश में निजी स्लीपर बस संचालकों की हड़ताल और धार्मिक आयोजनों के कारण मंगलवार को परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। लंबी दूरी की निजी स्लीपर बसें सड़कों से नदारद रहीं, वहीं दूसरी ओर पुष्कर में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और देशनोक में करणी माता की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की स्टेशन व बस स्टैण्ड पर भारी भीड़ उमड़ी।
-लम्बी दूरी की निजी स्लीपर बसों की हड़ताल का अब दिखने लगा असर, रोडवेज में भी बढ़ रही भीड़, ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति
-ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़, लगेज कोच में कर रहे यात्रा
नागौर. प्रदेश में निजी स्लीपर बस संचालकों की हड़ताल और धार्मिक आयोजनों के कारण मंगलवार को परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। लंबी दूरी की निजी स्लीपर बसें सड़कों से नदारद रहीं, वहीं दूसरी ओर पुष्कर में कार्तिक पूर्णिमा स्नान और देशनोक में करणी माता की परिक्रमा के लिए श्रद्धालुओं की स्टेशन व बस स्टैण्ड पर भारी भीड़ उमड़ी।
ट्रेनों और रोडवेज बसों में यात्रियों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। हालात इतने बिगड़े रहे कि रिजर्वेशन टिकट होने के बावजूद कई यात्रियों को सीट नहीं मिल सकी। उन्हें निराश होकर स्टेशन से वापस लौटना पड़ा। इनमें वे लोग भी शामिल थे जो अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जन करने हरिद्वार जा रहे थे, लेकिन भीड़ के कारण ट्रेन में सवार नहीं हो पाए। रेलवे सूत्रों के अनुसार, अधिकांश ट्रेनों में नो-रूम की स्थिति है। कई यात्री लगेज कोच और गार्ड के डिब्बों में खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर रहे।
निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के कारण आम यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। इसके बावजूद सरकार ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। इस संबंध में पत्रिका ने रोडवेज आगार प्रबंधक से बात करनी चाही लेकिन वे कुछ नहीं बोले। जबकि यात्रियों को रोडवेज बसों में खड़े होने तक की जगह नहीं मिली।
हरिद्वार सहित अन्य रूटों पर यात्रियों की भीड़
हरिद्वार, पुष्कर, देशनोक, दिल्ली, अहमदाबाद और जोधपुर की तरफ जाने वाली ट्रेनों में मंगलवार से यात्रियों की संख्या तीन से चार गुना बढ़ गई। नागौर स्टेशन पर सुबह और शाम को प्लेटफार्म यात्रियों से खचाखच भरे रहे। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें रिजर्वेशन टिकट होने के बावजूद अपनी सीट पर बैठने की जगह नहीं मिली। रिश्तेदार को रेलवे स्टेशन छोड़ने आए विजय पंचारिया ने बताया कि हरिद्वार जाने वाले कई यात्रियों को ट्रेन में जगह नहीं मिलने के कारण वापस घर लौटना पड़ा।
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
निजी बसों की हड़ताल के बावजूद रोडवेज या रेलवे ने अतिरिक्त बस या ट्रेन की व्यवस्था नहीं की है। इस वजह से कई यात्रियों को स्टेशन से ही लौटना पड़ा। रोडवेज बसों में इतनी बढ़ गई है कि यात्रियों को छत पर बैठाया जा रहा है।
रेलवे और रोडवेज पर बढ़ा दबाव
अधिकारियों के अनुसार ट्रेनों में पिछले दो दिन में औसतन 40 से 50 प्रतिशत यात्री भार बढ़ा है। कई एक्सप्रेस ट्रेनों में वेटिंग 150 से ऊपर पहुंच गई है। रोडवेज बसों में भी यात्रियों की भीड़ संभालना चुनौती बन गया है।
अतिरिक्त बसें चलाने की मांग
यात्रियों ने सरकार से मांग जब तक निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल समाप्त नहीं होती, अतिरिक्त रोडवेज बसें चलाने की मांग की है। साथ ही रेलवे प्रबंध से ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ने की मांग की है, ताकि आमजन को राहत मिल सके।