आर्थिक युग में रिश्ते लगातार तार- तार हो रहे हैं। माता पिता कठिनाई से अपने बच्चों को पाल पोषकर बड़ा करते हैं, ताकि वे अच्छा जीवन जीने के साथ ही उनके बुढ़ापे का सहारा बन सके। लेकिन अपना स्वार्थ सिद्ध करने के बाद बच्चे बुढ़ापे में उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं।
आर्थिक युग में रिश्ते लगातार तार- तार हो रहे हैं। माता पिता कठिनाई से अपने बच्चों को पाल पोषकर बड़ा करते हैं, ताकि वे अच्छा जीवन जीने के साथ ही उनके बुढ़ापे का सहारा बन सके। लेकिन अपना स्वार्थ सिद्ध करने के बाद बच्चे बुढ़ापे में उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं। ऐसा ही वाकया मंगलवार को क्षेत्र के बुटाटी धाम स्थित संत चतुरदास महाराज मन्दिर में हुआ। वहां एक बुजुर्ग महिला को अजमेर से लाए उसके रिश्तेदार मन्दिर में बेसहारा छोड़कर चले गए।
बाद में संत चतुरदास महाराज मन्दिर विकास समिति के कर्मचारियों ने पूछताछ की तो बुजुर्ग महिला ने रोते हुए अपनी आप बीती सुनाई। मन्दिर के प्रबंधक बजरंग सिंह राठौड़ ने बताया कि पहाड़ गंज अजमेर निवासी बुजुर्ग महिला मोनिका ने बताया कि उसके बेटी, दामाद और समधी- समधन मंगलवार दोपहर में अजमेर से कार में लाकर उसे मन्दिर में अकेली छोड़कर चले गए। उसने बताया कि उसके कोई बेटा नहीं है दो बेटियां है। उन्होंने उसकी सम्पत्ति अपने नाम करवाने के बाद उसे बुटाटी धाम मन्दिर में छोड़ दिया।
मन्दिर प्रबंधक व कार्मिकों ने बताया कि जब से बुजुर्ग महिला को उसे अकेला छोड़कर जाने का आभास हुआ, वह रोए जा रही है। कहने के बावजूद वह अपनी दशा पर आंसू बहाती रहती है।
मन्दिर में किसी लकवा पीड़ित और बीमार व्यक्ति के अकेले ठहरने पर रोक है। समिति के अनुसार लकवा पीड़ित की देखभाल के लिए कम से कम एक परिजन का साथ होना आवश्यक है।
मन्दिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अकेली व बेसहारा छोड़ी गई बुजुर्ग महिला को लेकर मन्दिर समिति अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बुटाटी और पदाधिकारियों के निर्देश पर कुछ युवा बुटाटी पुलिस चौकी गए। कार के नम्बर आदि देकर कार्रवाई की मांग की तो चौकी प्रभारी ने किसी तरह की सहायता करने में असमर्थता जताते हुए महिला को चौकी से बाहर ले जाने का कह दिया।