PM Kisan Samman Nidhi Yojana: नागौर जिले की खींवसर तहसील क्षेत्र में 498 व नागौर तहसील क्षेत्र में 632 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने दोहरा लाभ उठाया है।
खींवसर। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसान सहायता राशि का दोहरा लाभ उठाने का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। केन्द्र सरकार की ओर से पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (पीडीएस) डाटा के कराए गए विश्लेषण में यह फर्जीवाड़ा सामने आया।
परिवार में पति-पत्नी दोनों किसान सहायता का लाभ ले रहे थे। केन्द्र सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय ने देशभर में ऐसे करीब 16 लाख 71 हजार 161 किसानों की सम्मान निधि की 21 वीं किश्तें रोक दी है। इनमें राजस्थान के 1 लाख 98 हजार 57 किसान शामिल हैं। नागौर जिले की खींवसर तहसील क्षेत्र में 498 व नागौर तहसील क्षेत्र में 632 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने दोहरा लाभ उठाया है।
केन्द्र सरकार फर्जी तरीके से उठाई गई राशि वसूल करने के बाद ही किसानों को सहायता राशि की किश्तें जारी करेगी। अपात्रों ने कितनी किश्तें उठाई है, इसकी बड़े स्तर पर जांच जारी है। इस संबंध में तहसीलदारों ने पटवारियों से वास्तविक रिपोर्ट लेकर पूरी जानकारी जिला प्रशासन को भेज रहे हैं। बड़े पैमाने पर हुए एस फर्जीवाड़े का सरकार रिकॉर्ड खंगाल रही है। बताया जाता है कि अपात्रों से मुख्य दस्तावेज नहीं लेकर राशन कार्ड आदि के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि उठाई गई। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि अवैध तरीके कौन कितने समय से इस योजना का दोहरा लाभ ले रहे थे।
योजना की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक भूमि धारक परिवार के एक सदस्य को लाभ लेने का पात्र माना गया है। इसमें पति-पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं। हाल ही केन्द्र सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (पीडीएस) डाटा का विश्लेषण कराया। इसमें खुला हुआ कि पति और पत्नी दोनों योजना का लाभ प्राप्त कर रहे थे।
एक ही परिवार के संदिग्ध लाभार्थियों की जिलेवार सूची बनाकर संदिग्ध लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करवाकर इन्हें अपात्र घोषित किया गया है। इनसे रिकवरी के बाद ही किसी एक पात्र को राशि की किश्त दी जाएगी। योजना के सहायक स्टेट नोडल अधिकारी गोपाल कृष्ण ने प्रदेश के सभी नोडल अधिकारियों को ऐसे मामलों में सत्यापन करने के निर्देश दिए है, ताकि पात्र किसानों को किश्त मिल सके।
पीएम किसान योजना में पूर्व में किसी के राशन कार्ड से तो किसी के अन्य दस्तावेज से पात्रता दी गई, वहीं सरकार ने वर्ष 2019 की गाइड लाइन को ताक में रखकर अंधाधुंध दोहरे किसानों पात्रता दे दी। डाटा का विश्लेषण में मामला पकड़ में आने के बाद अब नए आवेदकों के दस्तावेजों की बारिकी से जांच हो रही है।
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पीएम किसान योजना में दोहरा लाभ ले रहे किसानों की जानकारी सामने आते ही पटवारियों से रिपोर्ट बनवाई जा रही है। जिला स्तर पर जांच के बाद आगे की कार्यवाही होगी। फिलहाल ऐसे किसानों की किश्ते रोकी दी गई है।
सुरेश, तहसीलदार खींवसर