साइबर क्राइम मामले में नागौर पुलिस की प्रभावी कार्रवाई
नागौर. साइबर क्राइम के प्रकरण में नागौर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 घंटे में ठगी के 95,614 रुपए रिफंड करवाए।पुलिस के अनुसार महिला साइबर ठग ने खुद को जयपुर में कर्मचारी बताते हुए दिव्यांग महिला को विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने का झांसा देकर फर्जी लिंक भेजकर उसके बैंक खाते से 95,614 रुपए निकाल लिए, जिसे नागौर की साइबर फ्रॉड रेसपॉन्स टीम ने कार्रवाई करते हुए चार घंटे में रिफंड करवा दिए।
इस कार्रवाई में कांस्टेबल प्रहलाद बसवाना का विशेष योगदान रहा। जानकारी के अनुसार पादूकलां थाना क्षेत्र के सथाना खर्द निवासी ओमप्रकाश के खेत में काम कर रही दिव्यांग महिला के मोबाइल पर महिला फ्रॉडस्टर ने कॉल करते हुए कहा कि मैं जयपुर ऑफिस से बोल रही हूं, मैं आपका विकलांगता का प्रमाण पत्र बनवा दूंगी। महिला ने दिव्यांग महिला को झांसे में लेकर फोन पे नम्बर मांगे , दिव्यांग महिला ने ओमप्रकाश के फोन पे नम्बर दे दिए। उस पर ठग ने उसके मोबाइल पर पांच हजार रुपए भेजने का फर्जी लिंक भेजकर मोबाइल हैक कर ऑनलाइन कुल 95,614 रुपए निकाल लिए। ठगी का अहसास होने पर ओमप्रकाश ने साइबर रेसपॉन्स सैल नागौर के हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल करके तुरन्त शिकायत दर्ज करवाई। वहां कार्यरत कांस्टेबल प्रहलाद बसवाणा ने तत्काल सम्बधित बैंक, पेमेन्ट गेट-वे के नोडल से सम्पर्क एवं पत्राचार कर ठगी गईहुई राशि को अलग- अगल पेमेन्ट गेट-वे के मार्फत किए गए ऑर्डर तुरन्त रद्ध करवाकर राशि को होल्ड करवाया । ठगी गई राशि पीडित के खाते में रिफण्ड करवाई। नागौर पुलिस ने बताया कि जिले के नागरिक गृह मत्रांलय भारत सरकार की ओर से जारी हेल्पलाइन नम्बर 1930 के साथ जिला नागौर की साइबर फ्रॉड रेसपॉन्स सैल के हेल्पलाइन नम्बर 8764850084 पर भी काल कर साइबर ठगी से सम्बधित शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
नागौर. शहर के निकटवर्ती अठियासन गांव के पास मंगलवार शाम को मिले नर कंकाल की तीन दिन बाद भी पहचान नहीं हो पाई है। कोतवाली सीआई वेदपाल शिवरान ने बताया कि मंगलवार शाम को पुलिस को सूचना मिली कि अठियासन के पास ताऊसर की ओर जाने वाले मार्ग पर झाडि़यों में एक कंकाल पड़ा है। सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर कंकाल को जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। कंकाल के पास एक तौलिया मिला है, जिससे पुलिस शव की पहचान करने का प्रयास कर रही है। शव को कुत्तों ने नोंच लिया। जिसके कारण पहचान करने में परेशानी आ रही है। अब तक किसी व्यक्ति के गुम होने की सूचना भी पुलिस को नहीं दी है। ऐसे में संदेह है कि मृतक बाहर का हो सकता है, जिसे मारने के बाद यहां डाला गया हो।
नागौर. कोतवाली थाने में डीडवाना तहसील के अलखपुरा निवासी एक महिला ने फर्जी व दस्तावेज तैयार उसकी खरीदसुदा जमीन बेचने का मामला दर्ज कराया है।पुलिस के अनुसार रूपादेवी पत्नी भंवरलाल ने बताया कि उसने नागौर के बलाया निवासी केशाराम पुत्र भागीरथ से 21 दिसम्बर 2012 में खाजूवाला में जमीन खरीदी थी, जिसका पंजीयन उपपंजीयक कार्यालय खाजुवाला में उसी दिन करवा दिया। उसके बाद उसने उक्त जमीन को किसी भी अन्य व्यक्ति को कभी नहीं बेचा। न ही किसी व्यक्ति को कोई मुख्त्यारनामा आम व मुख्त्यारनामा खास का निष्पादन किया गया। परिवादिया ने बताया कि उसके पति की मृत्यु के पश्चात मेरी बेटी के पति अश्विनी चौधरी ही हमारी सम्पत्ति की सार-सम्भाल करते हैं तथा उक्त सम्पत्ति के लिए मैंने जवाई अश्विनी को खाजुवाला भेजा तो पता चला कि उक्त सम्पत्ति का नामान्तरण किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर हो गया है। रिपोर्ट में आरोप लगाया कि नागौर तहसील के एक एडवोकेट ने किसी जसवीर नाम के व्यक्ति को फर्जी मुख्त्यारनामा, जो कि जिस स्टाम्प पर निष्पादित किया गया है, वह ना तो उसने खरीदा है और ना ही वह कभी नागौर गई। जसवीर को मुख्त्यारनामा किया गया और उसके पश्चात कुछ व्यक्तियों ने फर्जी व मिथ्या दस्तावेज तैयार कर उसकी खरीदशुदा जमीन का बेचान भी कर दिया, जिसकी जानकारी उसे तब हुई, जब मेरे जवाई अश्विनी ने उक्त कृषि भूमि की जमाबंदी निकलवाई। परिवादिया ने बताया कि उक्त कृषि भूमि का वर्तमान में नामान्तरण बलवंत सिंह पुत्र जसवीर सिंह व सतपाल सिंह पुत्र जसवीर सिंह के नाम हो चुका है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।