अगले माह से नागौर के मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। सौ सीट से शुरू हो रहे इस कॉलेज में इस बार संभवतया 85 स्टूडेंट ही प्रवेश लेंगे।
नागौर. अगले माह से नागौर के मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। सौ सीट से शुरू हो रहे इस कॉलेज में इस बार संभवतया 85 स्टूडेंट ही प्रवेश लेंगे। मेडिकल कॉलेज के भवन का गुरुवार को कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसके भास्कर के साथ पीडब्लूडी अफसरों की टीम ने निरीक्षण किया।
सूत्रों के अनुसार एसके भास्कर के साथ पीडब्लूडी एक्सईएन तुलछाराम, जेएलएन अस्पताल के डॉ महेश पंवार समेत अन्य चिकित्सक शिक्षकों ने कॉलेज भवन निर्माण कार्य का जायजा लिया। तकरीबन दो घंटे चले इस निरीक्षण में आवश्यक साधन-संसाधन के साथ निर्माण पर चर्चा की गई। क्लॉस रूम के साथ टॉयलेट व हॉस्टल का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, इसके लिए कुछ और समय की जरूरत बताई गई है। काउंसलिंग के जरिए स्टूडेंट यहां प्रवेश लेंगे। पहले चरण में पंद्रह, इसके बाद 35-35 स्टूडेंट का प्रवेश होगा। यह सारी प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी। इसके बाद 14 अक्टूबर से इनकी कक्षाएं शुरू होंगी।
सूत्र बताते हैं कि असल में निर्माण कार्य को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। जहां कॉलेज प्रिंसिपल भास्कर इसकी मॉनिटरिंग कर निर्माण कम्पनी को दिशा-निर्देश दे रहे हैं, वहीं कॉलेज शुरू होने में काफी कम समय होने की जानकारी भी उन्हें दी जा रही है। कॉलेज का पहला बैच शुरू होने जितना काम तो जल्द से जल्द पूरा हो। इसके लिए कवायद जारी है। ऐसा भरोसा जताया जा रहा है कि कॉलेज तय समय पर शुरू हो जाएगा।
एक्सईएन तुलछाराम ने कहा कि कॉलेज भवन संबंधी तकनीकी टीम ही इस बाबत ज्यादा कुछ बता सकती है। अब काम समय पर पूरा कराने के लिए लेबर तो बढ़ानी पड़ेगी। बिना इसके काम में कितना समय लगेगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। कॉलेज का पहला बैच शुरू होने जितना काम तो जल्द से जल्द पूरा हो। इसके लिए कवायद जारी है। ऐसा भरोसा जताया जा रहा है कि कॉलेज तय समय पर शुरू हो जाएगा।
कलक्टर को दी जाएगी रिपोर्ट
सूत्र बताते हैं कि पीडब्लूडी टीम यहां के निरीक्षण/स्थिति की एक रिपोर्ट जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित को देगी। वैसे कॉलेज संबंधी कार्य पहले बैच के हिसाब से ज्यादा कुछ बचा नहीं है फिर भी हॉस्टल समेत अन्य की व्यवस्थाओं में कोई मुश्किल ना आ जाए, इसका ध्यान रखा जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एमएनसी) ने मान्यता दी है तो जल्द से जल्द अब कॉलेज शुरू करना भी जरूरी है।
अध्ययन-अध्यापन का पूरा इंतजाम
सूत्रों का कहना है कि नागौर मेडिकल कॉलेज में अध्यापन के लिए 125 फैकल्टी को सरकार ने मंजूरी दे दी है। कुछ बाहर के चिकित्सक शिक्षक पहले ही यहां पहुंच गए हैं। मेडिकल कॉलेज में लाइब्रेरी, फर्नीचर पर भी पूरा फोकस किया जा रहा है। तैयारी तो इतनी है कि नागौर के जेएलएन अस्पताल के करीब 35 चिकित्सकों को एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में पदस्थापित किया जा चुका है, ताकि चिकित्सा के साथ अध्यापन का कार्य भी संभाल सकें।
इनका कहना
कॉलेज भवन का निरीक्षण किया है, 14 अक्टूबर से पहले बैच की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पूरी तरह तैयारी है, किसी तरह की कोई कमी अथवा परेशानी नहीं है।
-डॉ एसके भास्कर, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, नागौर।