गांधी चौक में जिला प्रशासन एवं नगरपरिषद की ओर से नागौर स्थापना दिवस पर हॉस्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया
नागौर. आखातीज यानि की अक्षय तृतीया पर नागौर का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर जहां शुक्रवार की रात गांधी चौक में हॉस्य कवियों ने अपनी रचनाओं की फुलझडिय़ां बिखेरी, वहीं मेहरानगढ़ यूजियम ट्रस्ट अहिछत्रगढ़ किला में नि:शुल्क प्रवेश का शहरवासियों ने जमकर लुफ्त उठाया। लोगों ने किले में ऐतिहासिक स्थल की कई विरासतों को देखा, और गर्व का एहसास किया। इसके साथ ही कई जगहों पर दीपदान कर भी हर्ष का इजहार किया गया। किले में सुबह नौ बजे से लेकर शाम को पांच बजे तक प्रवेश नि:शुल्क था। नि:शुल्क होने के चलते सुबह से ही किला में लोग पहुंचने लगे। सुबह करीब 11 बजे तक महिलाओं एवं बच्चों की भीड़ नजर आई। दोपहर में जरूर लोगों की संख्या कम रही, लेकिन चार बजे से लेकर पांच बजे तक यह ऐतिहासिक स्थल लोगों से भरा नजर आया। शहर में कई जगहों पर लोगों ने नागौर स्थापना दिवस पर दीपक प्रज्जवलित कर अपनी प्रसन्नता जताई।
स्थापना दिवस पर हुए कवि सम्मेलन में गूंजती रही हंसी
नागौर जिला प्रशासन एवं नगरपरिषद की ओर से स्थापना दिवस पर गांधी चौक में हॉस्य काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि समेलन में आगरा के हास्य कवि लटूरी ल_, उदयपुर के वी रस के कवि सिद्धार्थ देवल, नवलगढ के हास्य कवि हरीश हिन्दुस्तानी, कोटा के वीर रस के कवि परमानंद दाधीच, जबलपुर की शृंगार रस की कवयित्री रश्मि किरण, जयपुर के हास्य कवि गजेन्द्र कविया तथा नागौर के कवि प्रहलाद सिंह झोरड़ा आदि ने अपनी हॉस्य रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। देर रात्रि तक चले इस आयोजन में शहरवासी भी डटे रहे। इस मौके पर गांधी चौक भी रंग-बिरंगी बिजली की लाइटों से सजा नजर आया। रंगीन लाइटों की रोशनी में हॉस्य कवियों की रचनाओं से श्रोता देर रात्रि तक इसका लुफ्त उठाते नजर आए। इस दौरान दाधीच समाज की ओर से कवियों का सम्मान किया गया। हे सरस्वती महा वर दो, भाव राग को सत्य मधुर स्वर दो, पीड़ा भले ही मुझे मिले, जग को सुख का सार दो, हंसती-मुस्कराती जिंदगानी चाहिए, जीवन को हर पल चढृती रवानी चाहिए, और सारे जग को कर लेंगे हम सम्मोहित, बस मां शारदे आपकी मेहरबानी चाहिए, सरीखी कविताएं पेश की गई। हर कविता पर श्रोताओं की ओर से बजती तालियां कवियों में उत्साह का संचार करती नजर आई। इस मौके पर सभापति मीतू बोथरा, पार्षद नवरतन बोथरा, यतीराज, विशाल एवं दाधीच समाज के अध्यक्ष रामअवतार व्यास विष्णु तिवाडी महावीर प्रसाद शर्मा राकेश ओझा यतीराज धनावत प्रवीण शर्मा कृष्ण गोपाल अंकित तिवारी मंजू जोशी आदि मौजूद थींं।