8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सांभर झील में एक साथ 845 मछलियों की मौत के बाद मचा हड़कंप, जांच में जुटी टीम, ये कारण आया सामने

Sambhar Lake Fish Deaths: सांभर झील में एक साथ 845 मछलियों के मृत मिलने से हड़कंप मच गया। झील किनारे विभिन्न प्रजातियों की मछलियां बहकर आने पर वन और पशुपालन विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और निस्तारण शुरू किया।

2 min read
Google source verification
Nagaur-News

फोटो: पत्रिका

Mass Fish Mortality: सांभर झील क्षेत्र में रविवार सुबह सैकड़ों की संख्या में मृत मछलियां मिलने से हड़कंप मच गया। वन और पशुपालन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। ये मृत मछलियां मोहनपुरा डूंगरी के पास झील किनारे मिलीं।

प्रथम दृष्टया मछलियों की मौत का कारण पानी में ऑक्सीजन की कमी और खारापन बढ़ना सामने आया है। पशुपालन विभाग ने जांच के लिए सैंपल लिए हैं। बचाव कार्य में जुटे विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि सुबह झील किनारे मृत मछलियां बहकर आई तो जानकारी मिलीं। मामले की जांच की जा रही है। वन और पशुपालन विभाग की रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंची। कर्मचारियों ने मृत मछलियों को कट्टों में भरकर हटाना शुरू किया।

मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि झील के पानी में रासायनिक बदलाव, प्रदूषण या तापमान में असामान्य उतार-चढ़ाव से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मछलियों के मरने की वास्तविक स्थिति का खुलासा झील के पानी और मृत मछलियों के सैंपल की जांच रिपोर्ट आने पर होगा।

अनेक प्रजातियों की मृत मछलियां

झील किनारे मिली मृत मछलियों में मांगुर, सिंधी, सिक्लिड, तिलापिया सहित अनेक प्रजातियों की मछलियां शामिल हैं। वन, पशुपालन व नगरपालिका की टीमों ने मृत मछलियों का निस्तारण किया।

अधिक खारा पानी झील में आना भी कारण

पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया नमक की क्यारों से निकलने वाला अधिक खारा पानी झील में आने के कारण यह स्थिति बन सकती है। खारेपन से पानी में ऑक्सीजन स्तर घट जाता है। गौरतलब है कि सांभर झील में हाल ही में कई विदेशी पक्षियों की भी मौत हो चुकी है।

845 मृत मछलियों का निस्तारण किया, 8 टीमें बचाव कार्य में जुटीं

845 मृत मछलियों का निस्तारण किया गया है। मौत के कारणों की जांच के लिए पानी व मृत मछलियों के सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजे है। सांभर झील में पूर्व में हुई पक्षियों की मौत को लेकर आठ टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हैं।

डॉ. मोती चौधरी, पशु चिकित्साधिकारी, पशुपालन विभाग, नावां शहर