प्रदेशभर में तापमान लगातार गिरने के साथ ही हार्ट अटैक के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नागौर शहर के कंसारा मोहल्ले में सामने आया है। यहां रहने वाले कुशाल कंसारा (27) के सीने में दर्द हुआ।
नागौर। प्रदेशभर में तापमान लगातार गिरने के साथ ही हार्ट अटैक के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला नागौर शहर के कंसारा मोहल्ले में सामने आया है। यहां रहने वाले कुशाल कंसारा (27) के सीने में दर्द हुआ। वह अपने पिता को बोलकर स्कूटी लेकर डॉक्टर को दिखाने के लिए घर निकला, लेकिन 500 मीटर भी नहीं पहुंचा कि स्कूटी सहित गिर पड़ा। पिता सहित अन्य लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक कुशाल की मौत हो चुकी थी। कुशाल तीन बहनों में इकलौता भाई था, उसकी चार साल पहले शादी हुई थी और एक बेटी है। कुशाल की मौत से बुजुर्ग पिता के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई।
चिकित्सकों के अनुसार ठंड में रक्त धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है। हृदय पर दबाव बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। खासतौर पर पहले से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह या मोटापे से ग्रस्त मरीजों के लिए सर्दी का मौसम जोखिम भरा साबित हो सकता है।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों का कहना है कि सुबह के समय अत्यधिक ठंड में टहलना, भारी व्यायाम, तनाव और धूम्रपान से बचना चाहिए। गर्म कपड़ों का उपयोग, नियमित दवाएं, नियंत्रित आहार और समय-समय पर जांच करवाना जरूरी है। अचानक सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना, हाथ या जबड़े तक दर्द फैलना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लेने की सलाह दी ।
दरअसल, ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड को पंप करते समय रक्त कोशिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे हृदय के कामकाज में परेशानी होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
शहर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल बिशु ने बताया कि हार्ट अटैक से होने वाली 80 प्रतिशत मौतें सर्दी के चार महीने में होती है, जबकि 20 प्रतिशत मौतें शेष 8 महीने में होती है, इसलिए हृदय रोगियों के साथ अन्य लोगों को भी सर्दी में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सर्दी में खून गाढ़ा हो जाता है।
सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ने पर लोगों के जहन में यह सवाल आता है कि इस मौसम में ही हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के मौसम में नसें सिकुडकऱ सख्त हो जाती हैं। इन्हें नॉर्मल करने के लिए शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है और इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। दिल पर दबाव पड़ता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है। डायबिटीज के मरीज को छह से आठ घंटे में खाना खा लेना चाहिए, कुछ लोग 12 से 13 घंटे बाद खाते हैं, इसके कारण उनमें हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
हार्ट अटैक का प्राथमिक लक्षण है सीने में दर्द होना। इसके साथ बाएं हाथ में दर्द, पसीना आना और सांस की तकलीफ। कुछ लोगों को गैस होने की फीलिंग आती है। महिलाओं में पेट दर्द व कलेजे में दर्द हो तो भी हार्ट अटैक की आशंका रहती है।