Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। लगातार हो रही सुरक्षाबलों की कार्रवाई और कड़ी रणनीति के चलते नक्सलियों में दहशत का माहौल है।
Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। लगातार हो रही सुरक्षाबलों की कार्रवाई और कड़ी रणनीति के चलते नक्सलियों में दहशत का माहौल है। इसी दौरान नारायणपुर जिले में बड़ी सफलता हाथ लगी, जब 2 महिला सहित कुल 8 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।
आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें सबसे बड़ा नाम डिवीसीएम पद पर कार्यरत संगठन के डॉक्टर सुखलाल का है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुखलाल का आत्मसमर्पण नक्सली संगठन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं माना जा रहा।
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) रोबिनसन गुड़िया के समक्ष बिना हथियार आत्मसमर्पण किया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे पुलिस के लगातार बढ़ते दबाव और नक्सलियों की खोखली विचारधारा से परेशान थे। साथ ही, शासन की पुनर्वास नीति और बेहतर जीवन की उम्मीद ने उन्हें मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को शासन की ओर से तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया है। साथ ही, आगे पुनर्वास नीति के अंतर्गत उन्हें रोजगार, शिक्षा और अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा।
मंगलवार को पुलिस अधीक्षक वाय अक्षय कुमार के समक्ष समाज की मुख्यधारा में जुड़कर जीवन यापन करने 22 लाख के इनामी नक्सली दंपती सहित 4 ने सरेंडर किया। आत्मसमर्पित करने वाले नक्सलियों में लक्ष्मण कोर्राम उर्फ जुन्नू, मड्डो उर्फ जरीना, पांडूराम शामिल है। आत्मसमर्पित नक्सली जिला कोण्डागांव, कांकेर, बस्तर, दन्तेवाड़ा व मानपुर मोहला क्षेत्रों में सुरक्षा बलों पर फायरिंग, आम नागरिक की हत्या, लूटपाट, शासकीय भवन क्षतिग्रस्त, रोड काटकर मार्ग अवरूद्ध, अपहरण, आगजनी जैसे विभिन्न नक्सली घटनाओं में शामिल रहें हैं। आत्मसमर्पण के दौरान भावेश चौधरी, रूपेश कुमार डाण्डे, सतीष भार्गव, विकासचंद राय, मौजूद रहे।