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कौन हैं 10 साल के श्रवण सिंह, ऑपरेशन सिंदूर में ऐसे की थी सेना की मदद, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

Youngest Civil Warrior: भारत-पाक सीमा से सटे गांव में तैनात जवानों को रोज दूध, चाय, छाछ और बर्फ पहुंचाकर दिखाई देशभक्ति; राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में सम्मानित किया, सेना ने पहले ही 'सबसे छोटा सिविल वॉरियर' घोषित किया।

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Dec 26, 2025
श्रवण सिंह को मिला वीर पुरस्कार

Who is Shravan Singh: पंजाब के फिरोजपुर जिले के सीमावर्ती गांव चक तारा वाली के 10 वर्षीय श्रवण सिंह को असाधारारण साहस और देशभक्ति के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 26 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में वीर बाल दिवस के अवसर पर 20 बच्चों को यह पुरस्कार प्रदान किया, जिसमें श्रवण भी शामिल थे। उनकी बहादुरी मई 2025 में चले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के जवानों की निस्वार्थ सेवा पर आधारित है।

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चौथी कक्षा में बढ़ते हैं श्रवण सिंह

श्रवण चौथी कक्षा के छात्र हैं और उनका गांव भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र दो किलोमीटर दूर है। अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस दौरान पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की तैनाती बढ़ी और जवान श्रवण के गांव के आसपास के खेतों में डेरा डाले हुए थे।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की जवानों की मदद

श्रवण ने खुद पहल की और रोजाना घर से दूध, चाय, छाछ, बर्फ और कभी-कभी नाश्ता लेकर जवानों तक पहुंचाते थे। तनावपूर्ण माहौल, ड्रोन गतिविधियों और जोखिम के बावजूद उनकी यह सेवा जारी रही, जिससे सैनिकों के साथ उनका गहरा भावनात्मक जुड़ाव हो गया। पुरस्कार मिलने के बाद श्रवण ने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ तो पाकिस्तान के खिलाफ सैनिक हमारे गांव आए। मुझे लगा कि उनकी सेवा करनी चाहिए। मैं रोज दूध, चाय, छाछ और बर्फ लेकर जाता था। पुरस्कार मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है, कभी सपने में भी नहीं सोचा था।' सैनिकों से प्रेरित होकर श्रवण अब सेना में शामिल होने का सपना देखते हैं।

छोटी डेयरी चलाते हैं श्रवण के पिता

श्रवण के पिता सोना सिंह किसान हैं और छोटा डेयरी व्यवसाय चलाते हैं, मां का नाम संतोष रानी है। परिवार ने बेटे के फैसले का पूरा समर्थन किया और उसकी बहादुरी पर गर्व व्यक्त किया। भारतीय सेना ने पहले ही श्रवण को 'यंगेस्ट सिविल वॉरियर' का सम्मान दिया था और गोल्डन ऐरो डिवीजन ने उनकी शिक्षा का खर्च उठाने की घोषणा की।

सीएम मान ने भी दी बधाई

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने श्रवण को बधाई दी। मान ने एक्स पर लिखा कि गुरुओं की शिक्षाओं का पालन करते हुए श्रवण ने सैनिकों को चाय, पानी और भोजन पहुंचाकर सराहनीय सेवा की। जाखड़ ने इसे पंजाब के लिए गर्व की बात बताया। यह पुरस्कार देशभक्ति की नई मिसाल है, जो दिखाता है कि उम्र कोई बाधा नहीं होती।

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Published on:
26 Dec 2025 10:08 pm
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