IAF ने #ThisDayThatYear पोस्ट में लिखा, 'पाकिस्तान का पूर्व-आक्रमण कुछ ही घंटों में पूरी तरह विफल हो गया। एयर-लैंड ऑपरेशन की शुरुआत ही दुश्मन को यह बता गई कि भारत की पहुंच कितनी गहरी और सटीक है।'
India-Pakistan 1971 War: 1971 भारत-पाक युद्ध की 53वीं वर्षगांठ पर भारतीय वायुसेना ने बुधवार को उस ऐतिहासिक रात को याद किया, जब 3-4 दिसंबर 1971 की रात भारत ने महज कुछ घंटों में पाकिस्तान की हवाई ताकत को नेस्तनाबूद कर दिया था। IAF ने पहली बार इस निर्णायक ऑपरेशन का दुर्लभ फुटेज भी जारी किया है।
3 दिसंबर 1971 की शाम पाकिस्तानी वायुसेना ने ऑपरेशन चंगेज खान के तहत भारत के 11 हवाई अड्डों पर अचानक हमला किया था। लेकिन यह उनकी आखिरी बड़ी गलती साबित हुई। भारतीय वायुसेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू की और उसी रात पाकिस्तान के अंदर गहरे हमले किए।
IAF के कैनबरा बॉम्बर क्रू ने रात भर में 23 गहरे प्रवेश (Deep Penetration Strike) मिशन उड़ाए। मुरीद, मियांवाली, सरगोधा, चंदर, शोरकोट, रिसालेवाला, मसरूर (कराची), और रफीकी जैसे पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाया गया। रनवे पर बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए, हैंगर तबाह हो गए, और ईंधन भंडार और विमान जलकर राख हो गए।
साथ ही AN-12 ट्रांसपोर्ट विमानों को बॉम्बर में तब्दील किया गया और चांगा मंगा रेलवे यार्ड पर 48 × 500 पाउंड के बम गिराए गए। इससे पाकिस्तान के सैन्य आपूर्ति भंडार में भयानक आग लग गई, जो कई दिनों तक जलती रही।
IAF ने #ThisDayThatYear पोस्ट में लिखा, “पाकिस्तान का पूर्व-आक्रमण कुछ ही घंटों में पूरी तरह विफल हो गया। एयर-लैंड ऑपरेशन की शुरुआत ही दुश्मन को यह बता गई कि भारत की पहुंच कितनी गहरी और सटीक है।”
13 दिनों के इस युद्ध में भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त अभियान ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी की कमान वाली 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह विश्व इतिहास का सबसे बड़ा सैन्य समर्पण था। इसी के साथ बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
जारी किए गए दुर्लभ फुटेज में कैनबरा क्रू की तैयारी, रात में टेकऑफ और बमबारी के दृश्य देखकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। IAF ने लिखा, “उन वायु योद्धाओं को सलाम, जिन्होंने एक रात में दुश्मन की हवा निकाल दी।”