सउदी अरब में उमरा के लिए गए 45 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। मरने वालों में से 18 लोग एक ही परिवार के थे। पढ़ें पूरी खबर...
सउदी अरब में उमरा यात्रियों की बस दुर्घनाग्रस्त होने से 45 भारतीयों की मौत हो गई। बस मक्का से मदीना की तरफ जा रही थी। इस बीच वह एक डीजल से भरे टैंकर से टकरा गई। हादसे के वक्त अधिकतर लोग सो रहे थे, जिससे उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला। हादसे में एक ही परिवार के 18 लोग मारे गए।
35 वर्षीय सैयद राशिद के लिए यह बहुत बड़ी क्षति थी। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। राशिद ने कहा कि कुछ ही दिन पहले सभी को उमरा के लिए रवाना होने से पहले खुशी-खुशी गले लगकर अलविदा कहा था, लेकिन मुझे क्या पता था कि उन्हें आखिरी बार देख रहा हूं। राशिद ने कहा कि सभी को एक साथ यात्रा न करने की भी हिदायत दी थी।
रुआंसे गले से राशिद ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उन्हें आखिरी बार देख पाऊंगा। अगर उन्होंने मेरी बात मान ली होती, तो कम से कम उनमें से कुछ तो बच जाते। मरने वालों में उनके माता-पिता, 65 वर्षीय सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी शेख नसीरुद्दीन, 60 वर्षीय अख्तर बेगम, उनके 38 वर्षीय भाई, 35 वर्षीय भाभी और उनके तीन बच्चे शामिल थे। वहीं, अन्य मृतकों में अमेरिका में रहने वाले सिराजुद्दीन, उनकी पत्नी सना और उनके तीन बच्चे, साथ ही रिश्तेदार अमीना बेगम और उनकी बेटी, शमीना बेगम और उनका बेटा, और रिज़वाना बेगम और उनके दो बच्चे भी शामिल थे।
हादसे को लेकर हैदराबाद के एक व्यक्ति ने कहा कि मैंने अपने परिवार के पांच सदस्यों को खो दिया है। मरने वालों में दो युवक, एक बुजुर्ग महिला और एक युवती है। उक्त व्यक्ति ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब भारत सरकार के अधिकारियों ने घटना के बारे में बताया तो मैं अवाक रह गया। उन्होंने मोदी सरकार से सभी मृतकों के शवों को भारत लाने की मांग की है।
हैदराबाद के बाजारघाट स्थित अल मक्का की सहायक कंपनी अल मीना ट्रैवल एजेंसी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि उनके समूह के 20 तीर्थयात्री 9 नवंबर को सऊदी अरब के लिए रवाना हुए थे। मक्का में नमाज के बाद सोलह तीर्थयात्री मदीना लौट रहे थे। इससे पहले, एजेंसी ने कहा था कि उनके ठिकाने का पता नहीं चल पाया है, लेकिन सऊदी अधिकारियों ने पुष्टि की कि बस में सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई है।