इंडिगो पर अब एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है। CCI इंडिगो के खिलाफ मोनोपॉली चलाने की जांच होगी।
Indigo Crisis: भारत के एविएशन सेक्टर में इन दिनों हलचल है। इंडिगो की उड़ाने रद्द होने के बाद सरकार अब कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है। भारत के एविएशन सेक्टर में इंडिगो एयरलाइंस की मोनोपॉली की अब जांच होगी। CCI यानी कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया यह जांच करेगी कि क्या क्या देश की सबसे बड़ी एयरलाइन ने प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन किया है। दरअसल, इंडिगो संकट कॉम्पिटिशन एक्ट की धारा 4 का खुला उल्लंघन माना जा रहा है। इन नियम के मुताबिक कंपनी अपने रसूख के बूते ग्राहक से नाजायज कीमत नहीं वसूल सकती है और न ही ग्राहक को ब्लैकमेल कर सकती है।
भारत के घरेलू एविएशन सेक्टर में इंडिगो का मार्केट शेयर 65 फीसदी से अधिक है। पिछले हफ्ते एयरलाइन ने 2000 से अधिक फ्लाइट्स कैंसिल की थीं। यह कैंसिलेशन इसलिए हुईं क्योंकि DGCA के नए नियमों का पालन करने में विमानन कंपनी पूरी तरह से नाकाम रहीं।
अधिकारी के अनुसार CCI ने इंडिगो मामले में खुद से जांच शुरू की है और अगर कॉम्पिटिशन के नियमों का कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो रेगुलेटर एयरलाइन पर पैसे का जुर्माना लगा सकता है, लेकिन अभी तक विमानन कंपनी के खिलाफ औपचारिक तौर पर कोई लिखित शिकायत नहीं है।
इंडिगो संकट पर DGCA ने भी एक्शन की तैयारी शुरू कर दी है। बीते शुक्रवार को DGCA ने चार फ्लाइट इंस्पेक्टरों को नौकरी से निकाल दिया है। वह इंडिगो की सुरक्षा और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड की निगरानी करते थे। इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट्स में बढ़ती परेशानी के बीच डीजीसीए ने यह कार्रवाई की है।
इंडिगो ने कैंसिल टिकट का रिफंड शुरू कर दिया है। इंडिगो ने बयान जारी कर कहा कि हमारी टीमें रिफंड प्रोसेसिंग और मुआवजा देने में बहुत ध्यान से काम कर रही हैं। इंडिगो की तरफ से कहा गया है कि दिसंबर 2025 तक हमारा मुख्य ध्यान यह पक्का करना है कि प्रभावित कस्टमर्स के सभी रिफंड ठीक से और तेजी के साथ प्रोसेस किए जाएं। इनमें से ज्यादातर पहले ही पूरे हो चुके हैं, और बाकी भी जल्द पूरे कर दिए जाएंगे।