Nameplate Controversy: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी अब 'नेमप्लेट' विवाद में कूद गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी अब 'नेमप्लेट' विवाद में कूद गए हैं। मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "सरकार को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए था। यदि जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां मुस्लिमों के बिना अमरनाथ यात्रा मुमकिन नहीं है। यहां श्रद्धालु, मुस्लिमों के कंधे पर बैठकर अमरनाथ यात्रा करते हैं। माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को घोड़े पर ले जाने वाले भी मुस्लिम होते हैं।" वहीं, उन्होंने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर बजट निराशाजनक होगा तो हमारी पार्टी के दोनों सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।"
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर लगाया रोक
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए मालिक और काम करने वालों के नेम प्लेट लगाने के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की सरकारों से 26 जुलाई तक जवाब भी मांगा है।
इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को खत्म किए जाने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार को यही करना है तो सियासी पार्टियों पर लगे प्रतिबंध को भी उन्हें हटाना चाहिए। सरकारी अधिकारी आगे आएं और राजनीतिक दलों में शामिल हों।
अगर बजट निराशाजनक रहा तो…
मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने अब तक बजट नहीं देखा है, लेकिन "जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है"। अब्दुल्ला ने कहा, "हमारी पार्टी पहले बजट को पढ़ेगी। हम देखेंगे कि इस बजट में जम्मू-कश्मीर की बेरोजगारी, बिजली-पानी पर ध्यान दिया गया है या नहीं। अगर बजट निराशाजनक होता है तो हमारी पार्टी के दो सांसद इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।"