Srikakulam stampede: पुलिस ने मंदिर के निर्माता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। जानिए आखिर चेन्ना वेंकटेश्वर मंदिर क्यों बनाई गई थी।
Andhra stampede: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में भगदड़ मचने से नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। जिले के कासिबुग्गा में स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर को चेन्ना यानी छोटा तिरुपति भी कहा जाता है। इसे तिरुमाला तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है।
दरअसल, कासिबुग्गा के रहने वाले हरि मुकुंद पांडा (Hari Mukunda Panda) नाम एक जमींदार कई साल पहले तिरुमाला मंदिर दर्शन करने गए थे। बीमार पड़ने की वजह से वह मंदिर में स्वामी वेकेंटश का दर्शन नहीं कर पाए थे। इस दौरान मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने भी उनके साथ बुरा व्यवहार किया और अस्पताल जाने को कहा। जब दूसरे दिन वह मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे तो उन्हें लंबी कतार में 8 से 9 घंटे खड़ा रहना पड़ा था। उसके बाद कुछ सेकेंड के लिए उन्हें स्वामी वेंकटेश के दर्शन हुए। इससे उन्हें बहुत मायूसी हुई और उन्होंने कासिबुग्गा में तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर को समर्पित एक मंदिर बनाने की कसम खाई। मुकुंद पांडा ने कई एकड़ नारियल के बाग बेच दिए और 12 एकड़ खेती की जमीन पर मंदिर बनवाया। अभी मुकुंद पांडा की उम्र 90 साल की बताई जा रही है।
मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर बनाने के लिए मुकुंद पांडा ने सिर्फ परिवार के पैसे का इस्तेमाल किया। इसके लिए उन्होंने ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा नहीं किया। जब चार महीने पहले मंदिर का उद्घाटन हुआ था, तो पांडा ने कहा था कि जो लोग तिरुमाला जाने का खर्च नहीं उठा सकते, वे उनके मंदिर में लगभग वैसे ही दिखने वाले मंदिर में उसी एहसास के साथ दर्शन कर सकते हैं।
अधिकारी ने बताया, 'पांडा ने कहा था कि मैं भगवान वेंकटेश्वर का बहुत बड़ा और सच्चा भक्त हूं। यह मंदिर भगवान श्री वेंकटेश और उनके भक्तों के लिए समर्पित है।' अधिकारी ने आगे कहा कि मंदिर खुलने के बाद यहां रोजाना 1,000-2,000 लोग आने लगे, और वीकेंड और छुट्टियों में लगभग 5,000 भक्त आते थे। मंदिर में स्थापित मूर्ति तिरुपति में स्थापित श्री वेंकटेश्वर की प्रतिमूर्ति है। यह नौ फीट और नौ इंच ऊंची है। इस मूर्ति को वैदिक पंडितों से सलाह-मशविरा करने के बाद एक ही पत्थर से बनाया गया। यही नहीं, मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियां लगी हुई हैं।
TDP के पलासा MLA जी सिरीशा ने कहा कि यह मंदिर निजी है, लेकिन यह बेहद कम समय में मशहूर हो गया। बड़ी संख्या में भक्त इस मंदिर की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कहा कि आज जो भगदड़ हुई है। वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। भगदड़ में हुई मौतों को लेकर मंदिर समिति ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद नहीं थी। जब से मंदिर खुला है तब से ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। बहरहाल, पुलिस ने हरि मुकुंद पांडा पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है।