Zubeen Garg Death: प्रसिद्ध सिंगर जुबीन गर्ग की 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में सिर्फ 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इस खबर से उसके प्रशंसक शोक में डूब गए। असम सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया।
Zubeen Garg 3 days of state mourning: असम सरकार ने शनिवार यानी 20 सितंबर 2025 को गायक जुबीन गर्ग की सिंगापुर में मृत्यु पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया।
मुख्य सचिव रवि कोटा ने एक्स पर एक पोस्ट में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, "असम सरकार प्रख्यात गायक, फिल्म निर्माता और सांस्कृतिक प्रतीक श्री जुबीन गर्ग के निधन पर गहरा सदमा और दुख व्यक्त करती है।" प्रसिद्ध सिंगर जुबीन गर्ग की 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में सिर्फ 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
उन्होंने कहा, "20 से 22 सितंबर तक राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान कोई आधिकारिक मनोरंजन, रात्रिभोज या औपचारिक समारोह नहीं होंगे।"
जुबीन को असम में सुपरस्टार का दर्जा हासिल था। वह अपने प्रशंसकों के दिलों पर राज करते थे। जुबीन के पिता कवि और मां गायक रहे हैं। उनकी बहन भी गाना गाती थी। जुबीन की बहन की भी एक सड़क एक सड़क दुर्घटना में तब मृत्यु हो गई थी जब वह एक कंसर्ट देने जा रही थी। बहन की मौत ने जुबीन को झकझोर डाला। फिर उसी बरस उन्होंने बहन की स्मृति में एक अल्बम निकाला। उन्होंने नार्थ ईस्ट की तमाम भाषाओं के अलावा हिन्दी, अंग्रेज़ी, बांग्ला, मलयालम वगैरह को मिलाकर चालीस ज़बानों में गाने गाए और असम के सबसे लोकप्रिय गायक के तौर स्थापित हुए।
'या अली' फेम गायक ज़ुबीन गर्ग की शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग दुर्घटना में मृत्यु हो गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी छोटी बहन जोंगकी बारठाकुर की 23 साल पहले एक दुघर्टना में मौत हो गई थी। वह असम के सोनितपुर जिले में एक कॉन्सर्ट में भाग लेने जा रही थी तब सड़क दुघर्टना में उनकी मौत हो गई थी। वह उस समय सिर्फ 18 साल की थीं।
ज़ुबीन ने 4 फरवरी 2022 को असम के गोलाघाट की फैशन डिज़ाइनर गरिमा सैकिया से शादी की थी। उनकी अपनी कोई संतान नहीं है, लेकिन फिनांसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने करीब 15 ग़रीब बच्चों को गोद लिया है। वे उनका आर्थिक रूप से सहारा बने और उनके अच्छे भविष्य की ज़िम्मेदारी उठाई। इसके अलावा, वे एड्स और ब्रेन कैंसर से जुड़ी कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए थे।
मशहूर लेखक अशोक पांडेय ने जुबीन की मौत पर लिखा, आज भारतीय संगीत को बहुत बड़ा सदमा पहुंचा है। उन्होंने जुबीन की गायिकी से जुड़ने के बारे में अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि वर्ष 2006 के साल संजय झा की फ़िल्म 'स्ट्रिंग्स: बाउन्ड बाइ फ़ेथ' रिलीज़ हुई थी। कहीं से मुझे इस फिल्म का म्यूजिक अल्बम हासिल हो गया। उसमें एक अद्वितीय, आधुनिक कम्पोजीशन मिली – एक मजबूत, युवा आवाज़ में हिन्दी कवि नागार्जुन की अति-प्रसिद्ध, घनघोर राजनैतिक ‘मन्त्र कविता’. गाने वाले का नाम ज़ुबीन गर्ग. पता चला तीस-बत्तीस बरस के हैं, असम से ताल्लुक रखते हैं. गाने की शैली और दमदार आवाज़ ने मुझे दीवाना बना डाला। बाद में पता चला संगीत भी ज़ुबीन का था।
संगीत एलबम बनाने वाली टी सीरीज ने जुबीन के बारे में एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, हम संगीत दिग्गज ज़ुबीनगर्ग के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।आप हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।
पशुओं की रक्षा और उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले संगठन पेटा इंडिया ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पेटा इंडिया हमेशा जुबीन गर्ग को एक दोस्त, जानवरों के हीरो और प्रेरणा के रूप में याद रखेगा। उनके प्रियजनों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना।