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देशभर में होगा वोटर लिस्ट का रिवीजन, चुनाव आयोग चलाएगी SIR

Bihar Assembly Election 2025: बिहार के बाद अब अन्य राज्यों में भी विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और शुद्ध बनाना है।

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Jul 17, 2025
SIR (Photo: ANI)

चुनाव आयोग (Election Commission) ने सभी राज्यों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision - SIR) शुरू करने का निर्णय लिया है, जैसा कि बिहार में किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और शुद्ध बनाना है, ताकि इसमें किसी भी विदेशी नागरिक का नाम शामिल न हो। बिहार में हाल की जांच के दौरान सीमांचल सहित कई क्षेत्रों में विदेशी नागरिकों के नाम मतदाता सूची में पाए गए। चूंकि देश में दो दशक पहले इस तरह का विशेष अभियान चलाया गया था और तब से परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं, इसलिए अब मतदाता सूचियों की बारीकी से जांच जरूरी हो गई है।

चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान की तैयारी करें और आधिकारिक वेबसाइट पर अंतिम विशेष पुनरीक्षण सूची उपलब्ध कराएं।

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राजस्थान में तैयारियां शुरू

राजस्थान में आखिरी बार 2002 में विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था। अब उसी आधार पर नई मतदाता सूची तैयार की जाएगी।

  • 2002 के बाद के नए मतदाता: उन्हें संबंधित दस्तावेज दिखाकर अपना नाम दर्ज कराना होगा।
  • 2002 से पहले के मतदाता: उन्हें केवल निर्धारित फॉर्म भरना होगा।

अन्य राज्यों में भी यह अभियान अलग-अलग समय पर हुआ था, जैसे दिल्ली में 2008 और उत्तराखंड में 2006 में।

चुनावी राज्यों पर विशेष ध्यान

चुनाव आयोग का विशेष फोकस उन राज्यों पर है, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें शामिल हैं:

  • पश्चिम बंगाल
  • असम
  • केरल
  • पुडुचेरी
  • तमिलनाडु

इन राज्यों में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) क्या है?

विशेष पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटिरहित और अपडेट करना है। इसके तहत निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:

  • मृत मतदाताओं के नाम हटाना: जो मतदाता अब जीवित नहीं हैं, उनके नाम सूची से हटाए जाएंगे।
  • नए मतदाताओं को जोड़ना: पात्र नए वोटरों को सूची में शामिल किया जाएगा।
  • गलत जानकारियों को सुधारना: नाम, पता, या अन्य विवरण में त्रुटियों को ठीक करना।
  • डुप्लीकेट नाम हटाना: एक ही व्यक्ति के दोहराए गए नामों को हटाना।
  • स्थायी रूप से बाहर गए लोगों के नाम हटाना: जो लोग स्थायी रूप से क्षेत्र छोड़ चुके हैं, उनके नाम हटाए जाएंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर एसआईआर की आवश्यकता क्यों?

चुनाव आयोग इस अभियान को पूरे देश में लागू करना चाहता है ताकि:

  • पारदर्शिता सुनिश्चित हो: मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और विश्वसनीय हो।
  • राजनीतिक दलों का भरोसा बढ़े: सूची पर संदेह की गुंजाइश खत्म हो।
  • विदेशी नागरिकों का प्रवेश रोका जाए: कोई भी गैर-नागरिक मतदान न कर सके।
  • फर्जी मतदान पर अंकुश: अवैध वोटिंग को रोका जाए।
  • नए मतदाताओं का आसान जुड़ाव: बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के घर-घर जाकर नए वोटरों को जोड़ा जाए।
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