Bihar CM Nitish: बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की जीत के बाद सीएम पद पर जेडीयू ने नीतीश कुमार को ही चुना। कहा, कोई वैकेंसी नहीं है। बीजेपी ने सस्पेंस बनाए रखा – विधायकों की बैठक में फैसला, एक-दो दिन में सब साफ हो जाएगा।
Bihar CM Nitish: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया है। एनडीए ने शानदार जीत हासिल की है, कुल 243 सीटों में से 202 सीटें जीत ली हैं। इनमें बीजेपी को 89, जेडीयू को 85 (JDU-BJP Tussle), लोजपा-आर को 19, हम को 5 और रालोमो को 4 सीटें मिली हैं। अब एनडीए के दलों में नई सरकार बनाने की हौड़ लगी हुई है। सबसे बड़ा सवाल है – बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? जेडीयू ने साफ कहा है कि नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish) ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। लेकिन बीजेपी ने सस्पेंस बढ़ा दिया है। पार्टी ने कहा कि एक-दो दिन में विधायकों की बैठक होगी, जो अपना नेता चुनेंगे। इससे लगता है कि एनडीए में अभी माथापच्ची चल रही है।
चुनाव नतीजे आने के बाद नीतीश कुमार के घर पर जोरदार बैठकें हुईं। जेडीयू के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, वरिष्ठ नेता विजय चौधरी और श्याम रजक मौजूद थे। जेडीयू ने कोई कन्फ्यूजन नहीं रहने दिया। ललन सिंह ने कहा, "बिहार में सीएम की कुर्सी पर कोई जगह खाली नहीं है। नीतीश कुमार ही बिहार की कमान संभालेंगे।" श्याम रजक ने भी हामी भरी। जेडीयू का स्टैंड साफ है – नीतीश ही एनडीए के चेहरे हैं। पार्टी का मानना है कि बिहार की जनता ने नीतीश को ही जनादेश दिया है। इस बयान से एनडीए के अंदर बहस और तेज हो गई है।
बीजेपी की तरफ से बात कुछ अलग है। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, "पहले एक-दो दिन हम बिहार की जनता को धन्यवाद देंगे। उसके बाद हर पार्टी के विधायक अपना नेता चुनेंगे। फिर एनडीए के सारे विधायक मिल कर अपना लीडर तय करेंगे।" उन्होंने कहा कि यह सब पूरी तरह संवैधानिक तरीके से होगा। नीतीश के नाम पर सवाल पूछने पर जायसवाल ने टाल दिया – "केंद्रीय नेतृत्व ही फैसला लेगा।" बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी टीवी पर कहा कि अगला सीएम एनडीए का ही होगा, लेकिन नाम पर चुप्पी साध ली। बीजेपी के अंदर कुछ लोग नीतीश के अलावा विकल्प तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी कुछ तय नहीं है।
एनडीए की जीत के बावजूद अंदरूनी कलह साफ दिख रही है। सीटों का बंटवारा बराबर था, लेकिन बीजेपी ने थोड़ी बढ़त ले ली। जेडीयू को लगता है कि नीतीश के बिना गठबंधन कमजोर पड़ेगा। वहीं, बीजेपी चाहती है कि विधायकों की राय से चीजें सुलझें। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि यह सस्पेंस एक-दो दिन में खत्म हो जाएगा। अगर नीतीश बने, तो विकास एजेंडे पर फोकस रहेगा। लेकिन अगर बदलाव हुआ, तो बिहार की सियासत में नया दौर शुरू हो सकता है। फिलहाल, पटना में सियासी गलियारों में फुसफुसाहटें तेज हैं।
बिहार की जनता की नजरें एनडीए पर टिकी हुई हैं। चुनाव में विकास, रोजगार और कानून व्यवस्था मुद्दे थे। अब सरकार बनाने में देरी होने के कारण असर पड़ सकता है। जेडीयू और बीजेपी दोनों को मिल कर फैसला लेना होगा। अगर सीएम को लेकर झगड़ा बढ़ा, तो विपक्ष को मौका मिलेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि नीतीश का अनुभव ही एनडीए की ताकत है। लेकिन बीजेपी का विधायक-चुनाव वाला फॉर्मूला नया ट्विस्ट ला सकता है।
कुल मिलाकर, बिहार की सत्ता की कुर्सी पर जंग छिड़ी हुई है। जेडीयू का दावा मजबूत है, बीजेपी का स्टैंड साफ है। एक-दो दिन में मीटिंग्स होंगी,तब फैसला आएगा। बिहारवासी इंतजार कर रहे हैं कि कौन कमान संभालेगा। यह ड्रामा सियासत को रोमांचक बना रहा है।