बेगूसराय के बरौनी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में घुसपैठियों के नाम कटने पर लालू यादव और राहुल गांधी को तकलीफ।
बिहार में चुनावी प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एसआईआर के विरोध को लेकर जमकर कांग्रेस और राजद पार्टी को आड़े हाथों लिया। गुरुवार को बेगूसराय के बरौनी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि, मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण में घुसपैठियों के नाम जब कटे हैं, तो लालू यादव के पेट में दर्द शुरू हो गया। शाह ने कहा कि यह घुसपैठिए लालू यादव और राहुल गांधी के वोट बैंक हैं।
मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण के दौरान लोगों के नाम काटे जाने की बात को लेकर शाह ने कहा कि, चुनाव आयोग जरूर नाम काटने वाला है, मगर यहां के नागरिकों के नहीं बल्कि घुसपैठियों के नाम कटेंगे। साथ ही शाह ने यह भी कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने घुसपैठियों को बचाने के लिए बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाली। वह वोटर अधिकार यात्रा नहीं, बल्कि घुसपैठिया बचाओ यात्रा थी।
गृहमंत्री ने जोर देकर कहा कि इंडी गठबंधन राज्य के गरीबों और युवाओं की चिंता नहीं करता है, बल्कि वह बांग्लादेश से आए हुए घुसपैठियों की चिंता करते हैं। शाह ने कहा, मैं आज बताना चाहता हूं कि बिहार में एक बार फिर से पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बना दो, बिहार से चुन-चुन कर घुसपैठियों को निकालने का काम होगा। मतदाताओं के गहन पुनरीक्षण से मतदाताओं की सूची को घुसपैठियों के प्रदूषण से मुक्त करने के लिए है।
शाह ने दावा किया कि आने वाले चुनाव में हमारा बहुमत ऐसा होगा कि अगली बार तेजस्वी यादव चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर पाएंगे। हाल ही बिहार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने 125 यूनिट बिजली फ्री कर दी, दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाई, आशा वर्कर का मानदेय बढ़ाया और अगले पांच सालों में एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने की घोषणा की गई है। नीतीश सरकार की सराहना करने के साथ ही शाह ने लालू यादव की सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने लालू यादव पर लगे भ्रष्टाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले कभी बिहार का भला नहीं कर सकते।