बिहार चुनावों में कांग्रेस बूरी तरह हार की कगार पर है। पार्टी के 61 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे जिसमें से सिर्फ 4 को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। कांग्रेस नेताओं ने इस हार के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराना शुरु कर दिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम अब साफ होने लगे है। 243 में से 198 सीटों पर बढ़त के साथ NDA क्लीन स्वीप करने जा रही है। वहीं विपक्षी महागठबंधन सिर्फ 39 सीटों पर ही बढ़त बना पाया है। पिछली बार के मुकाबले NDA के लगभग 65 सीटें ज्यादा जीतने की उम्मीद है और महागठबंधन को इनती ही सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। विपक्षी गठबंधन में सिर्फ RJD ने 30 सीटें पर बढ़त हासिल की है इसके अलावा गठबंधन के अन्य दल सिर्फ 2-3 सीटों पर सिमट गए है। सबसे बुरा हाल कांग्रेस का देखने को मिल रहा है जिसने स्थानीय पार्टियों से भी कम सीटों पर बढ़त हासिल की है।
इन चुनावों में कांग्रेस के 61 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इसमें से एक चौथाई भी NDA की आंधी के सामने टिक नहीं पाए। इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट के अनुसार, कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर आगे है जबकि राज्य की लोकल पार्टियां भी कांग्रेस से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाने में सफल रही है। चुनाव परिणाम जैसे-जैसे साफ होने लगे कांग्रेस ने अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ना शुरु कर दिया। पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयोग और वोट चोरी को अपनी हार की वजह बताते हुए अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।
बिहार चुनाव के कांग्रेस प्रभारी अशोक गहलोत ने कहा, लोकतंत्र खतरे में है। जो हालात हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में बने हैं वही हालात यहां बने हैं। जिस प्रकार से ये धन बल का प्रयोग करते हैं लोग कल्पना नहीं कर सकते हैं। चुनाव आयोग इनका साथ दे रहा है। अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं होते हैं तो वो वोट चोरी है चुनाव चलते हुए 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार गए। चुनाव आयोग को क्या हो गया है। राजस्थान में चुनाव की घोषणा के बाद पेंशन मिलना बंद हो गई थी। वहां सब जारी रहा।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, शुरुआती रुझान ही बता रहे हैं कि ज्ञानेश कुमार बिहार की जनता के ख़िलाफ़ कामयाब होते दिख रहे हैं। ये लड़ाई बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू के बीच नहीं है। ये ज्ञानेश कुमार और भारत की जनता के बीच सीधी लड़ाई है। वहीं पार्टी के नेता उदित राज ने तंज कसते हुए कहा, SIR जीत की तरफ बढ़ रही है। उदित ने आगे कहा, यह भाजपा या एनडीए की जीत नहीं, बल्कि SIR की जीत होगी।