Bihar News: पटना के जेपी गंगा पथ में दरार आने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग गंगा पथ के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे है।
JP Ganga Path Bridge: बिहार की राजधानी पटना में गंगा किनारे बनाया गया जेपी गंगा सेतु एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार यह सेतु दरार आने की वजह से चर्चाओं में है। इस पुल का निर्माण 3831 करोड़ रुपये की लागत से किया गया। सीएम नीतीश कुमार ने तीन दिन पहले इस पथ के कंगन घाट से दीदारगंज तक के हिस्से का उद्घाटन किया था। अब उद्घाटन के तीन दिन बाद ही पुल में दरार नजर आने लगी है। यह दरार दीदारगंज के पास पिलर नंबर- ए-3 के पास दोनों लेन में नजर आ रही है।
बता दें कि तीन दिन पहले लोकार्पण के समय डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, विधायक संजीव चौरसिया के साथ विभागीय अधिकारियों मौजूद थे। इस दौरान सीएम नीतीश ने मंच से रिमोट का बटन दबाकर इस सेतु का लोकार्पण किया था।
बता दें कि पटना के जेपी गंगा पथ में दरार आने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग गंगा पथ के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे है। उनका कहना है कि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। इसको लेकर जल्दबाजी में कंगनघाट से दीदारगंज तक गंगा पथ का लोकार्पण किया गया। सीएम नीतीश कुमार के बेटे पर तेजस्वी यादव का बयान, देखें वीडियो (वीडियो पुराना है)...
बता दें कि यह पहली घटना नहीं है जब कोई नया ढांचा उद्घाटन के बाद विवादों में आया है। इससे पहले अररिया जिले में एक नवनिर्मित पुल में भी दरारें आने का मामला सामने आया था। वहीं भागलपुर, सुपौल और अन्य जिलों में भी पुल ढ़हने की घटनाएं सामने आ चुकी है।
पथ निर्माण विभाग ने जेपी गंगा पथ में आई दरार को लेकर बिहार राज्य सड़क निर्माण लिमिटेड को तुरंत जांच के आदेश दिए है। साथ ही विभाग ने मरम्मत का काम शुरू करने की भी बात कही है। हालांकि अधिकारियों ने दरारों को मामूली बताया है। उन्होंने कहा कि यह भारी वाहनों के दवाब से हो सकती है। बता दें कि इस पथ का जेपी के नाम पर नामाकरण हुआ। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती 11 अक्टूबर 2013 पर इस परियोजना की नींव रखी गई थी।
लालू की बेटी रोहणी आचार्य ने जेपी गंगा सेतु में दरार आने पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि संरचनाओं में दरार है, भ्रष्टाचार की खुराक पर पल रहे 'चूहों' की भरमार है, क्योकि बिहार में 'भ्रष्टाचारी चूहे' पालने वालों की सरकार है। नीतीश कुमार व बीजेपी का शासनकाल सत्ता संरक्षित 'बड़े - बड़े चूहों' के द्वारा संरचनाओं को कुतर देने, ध्वस्त कर देने, दरार पैदा करने के लिए ही जाना जाता है।