JMM प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा- मंत्री इरफान अंसारी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने जो बयान दिया वह उनका पर्सनल है, क्योंकि सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है।
Bihar Hizab Controversy: बिहार में सीएम नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के हिजाब उतारने के मामले में नया मोड़ आ गया है। नुसरत ने बिहार में नौकरी ज्वाइन नहीं की है। वहीं इस मामले में झारखंड में भी सियासत तेज हो गई है। जेएमएम सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने नुसरत को तीन लाख मासिक वेतन पर नौकरी देने का ऑफर दिया था। लेकिन जेएमएम ने मंत्री इरफान अंसारी के बयान से किनारा कर लिया है।
डॉ. नुसरत को झारखंड में नौकरी देने के मामले पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मंत्री इरफान अंसारी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने जो बयान दिया वह उनका पर्सनल है, क्योंकि सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है। मुझे नहीं लगता कि तीन लाख रुपये की नौकरी मंत्री पद पर दी जा सकती है।
इस दौरान जेएमएम प्रवक्ता ने सीएम नीतीश पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार का व्यवहार अमर्यादित है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। बात को दबाया जा रहा है। नुसरत का हिजाब हटाना समाज के लिए स्वीकार्य नहीं है।
इरफान अंसारी द्वारा नुसरत को तीन लाख की नौकरी देने के ऐलान के बाद विपक्ष ने सोरेन सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही ने प्रदेश सरकार से सवाल किया कि इरफान अंसारी ने किस नियोजन नीति के तहत सीधी नौकरी देने की घोषणा की है। उन्होंने आगे कहा कि जिहादी मानसिकता से झारखंड नहीं चलेगा।
बता दें कि झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी ने हिजाब विवाद को लेकर कहा था कि अगर डॉ नुसरत झारखंड में नौकरी करती हैं तो उन्हें तीन लाख रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा मनचाही पोस्टिंग और सरकारी आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम में मुस्लिम महिला डॉ. नुसरत परवीन का हिजाब सीएम नीतीश कुमार ने हटा दिया। इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने एक बार फिर से नीतीश की मानसिक स्थिति को लेकर सवाल उठाए और सीएम पद से इस्तीफा देने की मांग की।