Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। मंत्री जीवेश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को लीगल नोटिस भेजा है।
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजते ही सियासी तलवारें तेज हो गई हैं। नीतीश कुमार सरकार के शहरी विकास मंत्री जीवेश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में तेजस्वी से 15 दिन के अंदर सार्वजनिक माफी मांगने को कहा गया है, वरना कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह विवाद मंत्री जीवेश के खिलाफ दर्ज एक FIR से जुड़ा है, जिसमें तेजस्वी ने कथित तौर पर उन्हें पत्रकारों पर हमले का आरोपी बताया था। JDU ने इसे 'राजनीतिक साजिश' करार दिया, जबकि RJD ने इसे 'सच्चाई से भागने की कोशिश' कहा।
आपको बता दे कि 20 सितंबर 2025 को जारी नोटिस में जीवेश कुमार ने आरोप लगाया कि तेजस्वी ने दरभंगा में एक पत्रकार पर हमले के मामले में झूठे बयान देकर उनकी छवि खराब की। दरभंगा में हाल ही में मंत्री जीवेश और उनके साथियों पर एक पत्रकार की पिटाई का आरोप लगा, जिसकी FIR तेजस्वी ने खुद थाने पहुंचकर दर्ज कराई। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, दरभंगा में हमने FIR कराई है। अराजकता इस कदर फैली है कि नेता प्रतिपक्ष को खुद जाना पड़ रहा है। 2005 से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
जीवेश का दावा है कि यह FIR राजनीति से प्रेरित है और इसमें कोई सच्चाई नहीं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने बिना जांच के मुझे अपराधी ठहराया, जो मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है। 15 दिन में माफी न मांगी तो अदालत का रास्ता अपनाऊंगा।
JDU ने नोटिस को पार्टी की मजबूती का प्रतीक बताया। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि तेजस्वी भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। मंत्री जीवेश ने विकास कार्यों में योगदान दिया है, लेकिन RJD उन्हें बदनाम करना चाहती है। नीतीश कुमार ने चुप्पी साधी है, लेकिन सत्ताधारी NDA ने इसे विपक्ष की 'फेलिअयर की निशानी' कहा। हाल ही में PM मोदी के पूर्णिया दौरे में भी तेजस्वी पर घुसपैठिए वाले बयान पर निशाना साधा गया था।
तेजस्वी ने नोटिस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मंत्री जीवेश पत्रकारों पर हमला करवाते हैं, फिर नोटिस भेजकर बचने की कोशिश करते हैं। बिहार में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। हम डरने वाले नहीं, जनता को सच्चाई बताएंगे। RJD प्रवक्ता चितरंजन गगन ने इसे 'दबाव की राजनीति' बताया। पार्टी का दावा है कि यह नोटिस चुनावी हार के डर से जारी किया गया है। तेजस्वी की 'बिहार अधिकार यात्रा' में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी मुद्दे प्रमुख हैं, जो NDA को चुनौती दे रहे हैं।