देश में बीते कुछ दिनों से SIR का काम कर रहे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की लगातार आत्महत्या करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में परिवार के लोगों ने काम के प्रेशर को जिम्मेदार ठहराया है।
BLO Suicide: देश में पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम चल रहा है। SIR को लेकर कई राज्यों में दहशत और खौफ का माहौल बना हुआ है। इसकी प्रक्रिया से जुड़े बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की कई राज्यों से आत्महत्या करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। पश्चिम बंगाल, राजस्थान और केरल के बाद अब गुजरात में BLO ने आत्महत्या कर ली है।
नया मामला गुजरात के गिर सोमनाथ जिले से सामने आया है। कोडिनार तालुका के छारा गांव में SIR का काम करने वाले BLO अरविंद वाढ़ेर ने काम के दबाव में आकर अपनी जान दे दी। इस हादसे ने एक बार फिर शिक्षा समुदाय को झकझोर दिया है।
सुसाइड करने से पहले 40 वर्षीय अरविंद वाढ़ेर ने अपनी पत्नी और परिवार के नाम एक भावुक नोट लिखा था। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा, 'मुझसे अब यह SIR का काम नहीं हो पा रहा है। मैं लगातार कुछ दिनों से थकान और परेशानी महसूस कर रहा हूं। तुम अपना और बेटे का ध्यान रखना। मैं तुम दोनों को बहुत चाहता हूं, लेकिन अब मैं बहुत मजबूर हो गया हूं। मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। मेरे बैग में SIR के सभी कागजात हैं, जिन्हें स्कूल में जमा कर दिया जाए।'
इस हादसे को लेकर शैक्षिक संघों में काफी आक्रोश है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गुजरात प्रांत ने SIR के तहत शिक्षकों द्वारा की जा रही ऑनलाइन प्रक्रिया का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण को अनियोजित, अराजक और खतरनाक बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जलपाईगुड़ी में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित कई बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की मौत के बाद स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि उन्होंने बार-बार अपनी गंभीर चिंताओं को उठाया है, लेकिन अब स्थिति तेजी से बिगड़ने के कारण उन्हें यह लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने लिखा कि जिस तरीके से चुनाव आयोग ने अधिकारियों और निवासियों पर एसआईआर थोपा है, वह न केवल अनियोजित और अराजक है, बल्कि खतरनाक भी है। उन्होंने बुनियादी तैयारियों और स्पष्ट संचार के अभाव का आरोप लगाया।