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CAG Report: ‘अब अरविंद केजरीवाल नहीं ‘विज्ञापन बाबा’ बोलिए’, BJP सांसद संबित पात्रा ने AAP पर साधा निशाना

CAG Report: CAG रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर खर्च किए गए रुपयों को लेकर BJPसांसद संबित पात्रा (Sambit Patra) ने आम आदमी पार्टी (AAP) और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर निशाना साधा है।

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Arvind Kejriwal And Sambit Patra

Delhi CAG Report: दिल्ली विधानसभा में राज्य सरकार को कई महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश करनी हैं, लेकिन इनमें से कोई भी रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार इन रिपोर्ट्स में संभवतः विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और पहलों के महत्वपूर्ण ऑडिट और आकलन शामिल हैं। इन रिपोर्टों को पेश करने में देरी से दिल्ली विधानसभा में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं। CAG रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के विज्ञापन (Advertisement) पर खर्च किए गए रुपए को लेकर भाजपा सांसद संबित पात्रा (Sambit Patra) ने आम आदमी पार्टी (AAP) और पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर निशाना साधा है।

केजरीवाल को आज से 'विज्ञापन बाबा' कहना चाहिए- BJP

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल को आज से 'विज्ञापन बाबा' कहा जाना चाहिए। दिल्ली सरकार ने 'बिजनेस ब्लास्टर्स' योजना के लिए कुल 54 करोड़ रुपये खर्च किए। जबकि, इस योजना के विज्ञापन पर 80 करोड़ रुपये खर्च हुए। सीएजी (CAG) ने उल्लेख किया है कि इस योजना के विज्ञापन पर खर्च योजना के खर्च से 1.5 गुना अधिक था।AAP सरकार ने एक अन्य योजना में 1.9 करोड़ रुपये का निवेश किया। जबकि, उस योजना के विज्ञापन पर 27.9 करोड़ रुपये खर्च किए।"

CAG ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाए

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा, "CAG रिपोर्ट के अनुसार, 17 मार्च 2020 को दिल्ली के PWD ने एक प्रस्ताव दिया था कि अरविंद केजरीवाल के आवास का पुनर्निर्माण किया जाना है। PWD ने इमारत को तोड़कर एक मंजिल जोड़ने का प्रस्ताव दिया। हैरानी की बात यह है कि सिर्फ एक दिन में PWD के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया। पुनर्निर्माण का अनुमान 7.61 करोड़ रुपये था। लेकिन टेंडर 8.62 करोड़ रुपये का निकला, यानी टेंडर की लागत 13.21% अधिक थी। यह काम 2022 में 33.66 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ। यानी लागत अनुमानित राशि से 342.31% अधिक थी। अरविंद केजरीवाल के 'शीशमहल' के लिए इतना बड़ा घोटाला किया गया।'

दिल्ली सरकार की वो 10 रिपोर्ट्स जो विधायिका में नहीं रखी गई-

1- मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट।


2- 31 मार्च 2020 और 2021 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व, आर्थिक, सामाजिक और सामान्य क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रम।


3- 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम और शमन का निष्पादन लेखा परीक्षा।


4- 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों का निष्पादन लेखा परीक्षा।


5- मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट।


6- दिल्ली में शराब आपूर्ति पर निष्पादन लेखा परीक्षा।


7- मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त लेखा परीक्षा रिपोर्ट।


8- सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर निष्पादन लेखा परीक्षा।


9- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की "दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज" पर निष्पादन लेखा परीक्षा रिपोर्ट।


10- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की 31 मार्च को समाप्त वर्ष के लिए निष्पादन लेखा परीक्षा रिपोर्ट 2022।

दिल्ली LG कर चुके हैं CM आतिशी की आलोचना

इससे पहले दिसंबर 2024 में, दिल्ली LG वीके सक्सेना ने विधानसभा के समक्ष सीएजी रिपोर्ट पेश करने में विफल रहने के लिए दिल्ली की CM आतिशी की निंदा की थी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की ओर से नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट पेश करने में विफलता पर चिंता व्यक्त की और विधानसभा से 19-20 दिसंबर को एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। आतिशी का विधायक से CM तक का सफर देखिए इस वीडियो में-

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