राष्ट्रीय

जूता फेंकने की कोशिश मामले में सीजेआई बीआर गवई ने तोड़ी चुप्पी, कहा- जो हुआ उससे…

CJI ने कहा- सोमवार को जो कुछ हुआ उससे मैं और मेरे साथी बहुत स्तब्ध हैं। हमारे लिए यह एक भुला दिया गया अध्याय है। 

2 min read
Oct 09, 2025
सीजेआई बीआर गवई (Photo-X)

सीजेआई बीआर गवई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर जूते से हमले की कोशिश मामले में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- जो हुआ उससे मैं बहुत स्तब्ध है। CJI ने आगे कहा- सोमवार को जो कुछ हुआ उससे मैं और मेरे साथी बहुत स्तब्ध हैं। हमारे लिए यह एक भुला दिया गया अध्याय है।

ये भी पढ़ें

‘नफरत की राजनीति ने देश को कहां पहुंचा दिया’, CJI गवई पर कोर्ट में जूते से हमले को लेकर किसने क्या कहा? पढ़ें रिएक्शन

क्या बोले जस्टिस उज्जवल भुयान

वहीं जस्टिस उज्जवल भुयान ने इस घटना की निंदा की और कहा- इस पर मेरे अपने विचार हैं। वह भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं, यह कोई मज़ाक की बात नहीं है! यह संस्था का अपमान है। इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी इस घटना की निंदा की और कहा- यह अक्षम्य है।

नेताओं ने भी की निंदा

उन्होंने आगे कहा कि घटना को समाप्त मानकर मुख्य न्यायाधीश की महानता और उदारता प्रशंसनीय थी। बता दें कि सोमवार से ही इस घटना के बाद नेताओं और लोगों में भारी आक्रोश है। पीएम नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इस हमले की निंदा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सीजेआई से भी बात की थी। 

ठाणे में हुआ विरोध प्रदर्शन

बता दें कि महाराष्ट्र के ठाणे में गुरुवार को कई अंबेडकरवादी संगठनों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने इसे न्यायपालिका का अपमान और संवैधानिक मूल्यों पर हमला" बताया।

क्या है पूरा मामला

सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते समय वकील ने सीजेआई पर जूते से हमला करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और वकील को कोर्ट से बाहर ले गए। जिससे यह घटना नाकाम हो गई। जैसे ही उन्हें बाहर निकाला गया, उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, "सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।"

कार्यवाही जारी रखने की कही बात

इसके बाद सीजेआई ने बिना किसी झिझक के मौजूद लोगों से दिन की कार्यवाही जारी रखने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा- इस सब से विचलित न हों। हम विचलित नहीं हैं। ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं।

वकील को किया रिहा

हालांकि बाद में वकील को हिरासत में लिया गया और कई घंटों की पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया। हमले की कोशिश के एक दिन बाद वकील राकेश किशोर ने कहा कि वह "सनातन धर्म के एक सेवक" थे, जिन्होंने "ईश्वरीय आदेश" पर काम किया और उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। 

ये भी पढ़ें

बिहार चुनाव : पीके की पहली लिस्ट जारी, 51 में से मात्र इतनी सीटों पर उतारे मुस्लिम उम्मीदवार, पढ़ें डिटेल

Published on:
09 Oct 2025 05:05 pm
Also Read
View All

अगली खबर