तमिलनाडु में एसआईआर को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि यदि EC SIR को वापस नहीं लेता है तो वे SC में याचिका दायर करेंगे।
देश में एसआईआर को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच तमिलनाडु में SIR के विरोध में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसमें एक प्रस्ताव भी पास किया गया। साथ ही चुनाव आयोग से 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद एसआईआर करने की भी अपील की।
सर्वदलीय बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि चुनाव आयोग एसआईआर की प्रक्रिया को नहीं रोकता है तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इसके अलावा प्रस्ताव में कहा गया कि बीजेपी के लिए EC काम कर रहा है।
सर्वदलीय बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि बिहार में SIR से संबंधित मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए 27 अक्टूबर की अधिसूचना के अनुसार तमिलनाडु में एसआईआर के साथ आगे बढ़ने का चुनाव आयोग का निर्णय पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है और तमिलनाडु के लोगों के मताधिकार पर हमला है।
वहीं बैठक में एसआईआर को अस्वीकार्य बताया और चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को वापस लेने का भी आग्रह किया। प्रस्ताव में कहा गया कि चुनाव आयोग को अपनी अधिसूचना में कमियों को सुधारना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का स्पष्ट रूप से पालन करना चाहिए। प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए और 2026 के चुनावों के बाद ही एसआईआर का संचालन करना चाहिए।
बैठक में पारित प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, इसलिए तमिलनाडु के सभी मतदाताओं के मताधिकार की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
बता दें कि सर्वदलीय बैठक का कई पार्टियों ने बहिष्कार भी किया है, जिनमें पट्टाली मक्कल काची, तमिल मनीला कांग्रेस, एएमएमके, नाम तमिलर काची, पुथिया थमिझागम, इंडिया जनानाया काची और पेरुंथलैवर मक्कल काची शामिल हैं। इसके अलावा DMK सहित करीब 49 पार्टियों ने इसमें भाग लिया।