भगोड़े उद्योगपति नीरव मोदी ने भारत सरकार को लगभग 14000 करोड़ रुपए का चूना लगाया था। इसका आधा 7000 करोड़ रुपए की चपत साइबर ठगों ने बीते पांच महीनों में भारतीय लोगों को लगा दी है। भारत में होने वाली अधिकतर साइबर ठगी वारदात दक्षिण पूर्व एशियाई देशों कंबोडिया, लाओस व वियतनाम से संचालित हो रही है।
देश भर में साइबर क्राइम (Cyber Crime) के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजाना लगभग 7000 साइबर संबंधी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेटर सेंटर 14C के मुताबिक इन धोखाधड़ी का काफी बड़ा हिस्सा कंबोडिया, म्यांमार और लाओस (Cambodia, Myanmar and Laos) से आता है।
अब गृह मंत्रालय (Home Ministry) की एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि साल 2025 के शुरुआती पांच महीनों में साइबर ठगों ने भारतीयों को 7 हजार करोड़ रुपए की चपत लगाई है। रिपोर्ट के मुताबिक 7000 करोड़ में से आधी से ज्यादा राशि कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (South East Country) से संचालित हो रहे घोटालेबाजों के हाथों में गई।
बताया जाता है कि लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में साइबर फ्रॉड का पूरा गिरोह चीनी ऑपरेटरों द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। यहां मानव तस्करी के शिकार भारतीय लोग भी हैं। जिन्हें जबरन काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
एक अधिकारी ने CFSFRMS का हवाला देते हुए कहा कि साइबर ठगों ने जनवरी में 1,192 करोड़ रुपए, फरवरी में 1951 करोड़ रुपए, मार्च में 1,000 करोड़ रुपए, अप्रैल में 731 करोड़ रुपए और मई में 1999 करोड़ रुपए की चपत लगाई। उन्होंने कहा कि यह दर्ज शिकायतों के अनुमान पर आधारित है। नुकसान की राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों ने इस मामले में कंबोडिया के अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने कार्ययोजना पर चर्चा की। इस बैठक में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। कंबोडिया के अधिकारियों ने इन साइबर फ्रॉड केंद्रों की सटीक जानकारी देने की अपील की है, ताकि वह कार्रवाई कर सकें।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में 50 से अधिक घोटालेबाजों की पहचान की है। इसमें यह भी पता चला है कि इनमें भारतीय, चीनी नागरिकों के अलावे यूरोप, मिडिल ईस्ट और अमेरिकी लोग भी शामिल हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसी देश में कई ऐसे एजेंटों पर भी नजर रख रही है, जो कामगारों को विदेश भेजने के लिए काम करते हैं। महाराष्ट्र में 59, तमिलनाडु में 51, उत्तर प्रदेश में 41 और दिल्ली में 38 का स्थान है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कंबोडिया में 5000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं। इनसे जबरन साइबर फ्रॉड के काम कराए जा रहे हैं। एक एजेंट ने जांच के दौरान कहा कि लोगों को पहले दुबई, फिर चीन और फिर अंत में कंबोडिया भेज रहे हैं। वह अन्य रास्तों के जरिए भी लोगों को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भेज रहे हैं।
साइबर ठग अक्सर लोगों को फंसाने के लिए ईमेल, टेक्स्ट और सोशल मीडिया ऐप के जरिए ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिनमें कुछ घंटे काम करके मोटा रकम कमाया जा सकता है, या फिर ठग बड़े रिटर्न का दावा करके लुभावने इन्वेस्टमेंट स्कीम बताते हैं। अगर आपके पास ऐसे अननॉन नंबर से मैसेज या कॉल आता है तो सतर्क हो जाएं। RBI की गाइडलाइन के अनुसार, अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल को हमेशा प्राइवेट रखें। अनजान व्यक्तियों के साथ, खासकर मैसेजिंग ऐप पर, कभी भी लॉगिन क्रेडेंशियल, पर्सनल डिटेल शेयर न करें।