Drink And Drive: अप्रैल से नशे में वाहन चलाने वालों की जांच के लिए नई मशीनें इस्तेमाल होंगी। इससे नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई अधिक प्रभावी होगी।
नशे की हालत में गाड़ी चलाने वालों की जांच के लिए अप्रैल से नई मशीनें इस्तेमाल की जाएंगी। अधिकारियों का दावा है कि ये मशीनें अधिक सटीक और विश्वसनीय होंगी।
इनमें प्रिंटर भी होगा जो जांच के परिणाम को प्रिंट करेगा। इस बदलाव का उद्देश्य नशे में वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक प्रभावी बनाना है।
जो लोग नशे में गाड़ी चलाते हैं, उनके ब्लड अल्कोहल कंसंट्रेशन (बीएससी) को मापने के लिए ब्रेथ एनालाइजर का इस्तेमाल होता है। अब उन ब्रेथ एनालाइजर को कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी नए नोटिफाइड नॉर्म्स का पालन करना होगा।
अपडेटेड स्टैंडर्ड्स का मकसद डिवाइस की एक्यूरेसी, कंसिस्टेंसी और क्रेडिबिलिटी को बढ़ाना है। इस बदलाव से नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई में सुधार होने की उम्मीद है और सड़कों पर सुरक्षा बढ़ेगी।
बदले हुए नॉर्म्स के तहत, ब्रेथ एनालाइजर को मंजूर गलती की सख्त लिमिट का ध्यान रखना होगा। इसमें बिल्ट-इन प्रिंटिंग मैकेनिज्म शामिल होना चाहिए। खास बात यह है कि अगर प्रिंटिंग पेपर नहीं होगा तो डिवाइस काम नहीं करेगा।
इससे यह साफ होता है कि हर टेस्ट के साथ वेरिफिकेशन और कानूनी इस्तेमाल के लिए एक प्रिंटेड रिकॉर्ड जरूरी होगा। इसके अलावा, डिवाइस सिर्फ फाइनल मेजरमेंट रिजल्ट दिखाएगा, जिससे टेस्टिंग के दौरान गलत मतलब निकालने या छेड़छाड़ की संभावना कम हो जाएगी।
नए नॉर्म्स के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि इन बदलाव का मकसद नशे में गाड़ी चलाने और वर्कप्लेस सेफ्टी से जुड़ी एनफोर्समेंट एक्शन की फेयरनेस और एक्यूरेसी में जनता का भरोसा बढ़ाना है।
अपडेट किए गए डिवाइस तेजी से और भरोसेमंद रीडिंग देने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिससे पुलिस अधिकारी और ऑथराइज्ड कर्मचारी चेकिंग के दौरान ठीक तरह से फैसले ले सकेंगे।
बताया जा रहा है कि अब सड़कों पर रेगुलर चेकिंग होगी ताकि ब्रेथ एनालाइजर अपनी पूरी लाइफसाइकल और फील्ड में इस्तेमाल के दौरान सही रहें। बड़े शहरों में ट्रैफिक पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने पर रोक लगाने के लिए ब्रेथ एनालाइजर पर ज्यादा भरोसा किया है।
उधर, रोड सेफ्टी एक्सपर्ट्स ने कहा कि इन डिवाइस का स्टैंडर्डाइजेशन बहुत पहले हो जाना चाहिए था, कई बार ऐसा देखा गया है कि अलग-अलग रीडिंग को अक्सर कोर्ट में चुनौती दी जाती है।
उन्होंने कहा कि नए नियम झगड़ों को कम करने, शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों में केस को मजबूत करने और देश भर में सड़कों को सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे।