अमेरिकी टैरिफ से बचने को लेकर जेपी मॉर्गन के अर्थशास्त्री डॉ साजिद चिनॉय ने प्लान बताया है। उन्होंने आर्थिक नीतियों में सुधार, लेबर फोर्स को बचाने की बात समेत FTA पर भी टिप्पणियां की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का डबल टैरिफ भारत पर फूट चुका है। 27 अगस्त से भारत पर कुल 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ लागू है। इससे भारतीय निर्यातकों की चिंताएं बढ़ गई है। अमेरिकी ऑर्डर कैंसिल होने लगे हैं। ऐसे में जेपी मॉर्गन के अर्थशास्त्री डॉ साजिद चिनॉय ने ट्रंप के टैरिफ बम से बचने का थ्री स्टेप प्लान बताया है।
चिनॉय ने इंडिया टू को दिए इंटरव्यू में कहा कि सरकार की पहली और तात्कालिक चिंता लेबर फोर्स आधारित उद्योगों के अस्तित्व को बचाने की होनी चाहिए। आने वाले दिनों में इस सेक्टर में डिमांड टूटने से रोजगार पर संकट के बादल मंडराएंगे। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए कोरोना काल की नीतियों को उपयोग में लाना जरूरी है।
चिनॉय ने दूसरी सलाह दी कि भारत को अमेरिका से इतर अन्य बाजारों की तरफ देखना होगा। चिनॉय ने कहा कि भले ही अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन ग्लोबल इंपोर्ट में अमेरिकी हिस्सेदारी महज 15 फीसदी है। अमेरिका के बाहर भी बड़ा वैश्विक बाजार है। जिसका लाभ उठाने के लिए भारत को अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को यूरोपीय यूनियन के साथ जल्द से जल्द फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करना चाहिए। अन्य देशों के साथ भी भारत को जल्द से जल्द मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को सीपीपीटीपी, एशियाई फ्री ट्रेड सिस्टम भी अपना ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यहीं ग्रोथ है।
चिनॉय ने तीसरी सलाह दी कि भारत सरकार को घरेलू स्तर पर भी आर्थिक नीतियों में व्यापाक बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इकोनॉमिक हिस्ट्री ऐसे तमाम उदाहरणों से भरी पड़ी है, जहां प्रतिकूल हालातों में आर्थिक सुधारों के लिए राजनीतिक गुंजाइश पैदा की। सरकार ने GST में बड़े बदलाव के साथ बहुत अच्छी शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर बातचीत रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद जताते हुए कहा कि अमेरिका इतना मनमौजी रहा है कि किसी समय उनकी बातचीत की स्थिति बदल भी सकती है।