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भारत को 2 साल से मिल रहा धोखा! तेजस के इंजन की आपूर्ति में देरी पर अमरीकी कंपनी को भरना होगा जुर्माना

Fighter Aircraft Tejas: स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के उन्नत संस्करण तेजस मार्क-1 ए के लिए इंजन की आपूर्ति में दो वर्ष की देरी होने पर अमरीकी कंपनी जीई को अनुबंध की शर्तों के मुताबिक जुर्माना भरना होगा।

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Fighter Aircraft Tejas: स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के उन्नत संस्करण तेजस मार्क-1 ए के लिए इंजन की आपूर्ति में दो वर्ष की देरी होने पर अमरीकी कंपनी जीई को अनुबंध की शर्तों के मुताबिक जुर्माना भरना होगा। जीई को तेजस मार्क-1 ए के लिए इंजनों की आपूर्ति मार्च 2023 में करनी थी, लेकिन जीई ने अब इन इंजनों की आपूर्ति अगले वर्ष अप्रेल से करने की बात कही है।

अनुबंध की शर्तों के मुताबिक भारत ने उठाया कदम

इस मामले के जानकार उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने बताया है कि समय पर इंजन की आपूर्ति नहीं होने पर भारत ने अनुबंध की शर्तों के अनुरूप जीई के खिलाफ जुर्माना लगा दिया है। उन्होंंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अलग-अलग समय पर अमरीकी यात्रा के दौरान यह मामला उठा चुके हैं।
सूत्रों ने कहा कि इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने के पीछे कोई दबाव की राजनीति या अन्य कारण नहीं है, बल्कि पूरी तरह से तकनीकी कारणों से नहीं हो पा रही है। इन इंजनों के लिए दक्षिण कोरिया से मिलने वाले उपकरणों का अभाव बताया जा रहा है।

हल्के लड़ाकू विमानों का उन्नत संस्करण

तेजस मार्क -1ए देश में ही बनाए गए हल्के लड़ाकू विमान तेजस का उन्नत संस्करण है और वायु सेना को अपने लड़ाकू विमानोंं के बेड़े के लिए इन विमानों की बड़ी जरूरत है। वायु सेना के लिए ये विमान सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड एचएएल बना रहा है। रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2021 में एचएएल के साथ 83 तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद के लिए 48000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। इसके बाद एचएएल ने उसी वर्ष अगस्त में 99 विमानों के लिए इंजन एफ-404 की खरीद के लिए जीई के साथ करार किया था। जीई ने इंजनों की आपूर्ति मार्च 2023 में शुरू करने की बात कही थी।

Updated on:
30 Oct 2024 11:17 am
Published on:
30 Oct 2024 09:53 am
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