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वन विभाग ने 7 करोड़ की थार के कस्टमाइजेशन पर खर्च किए 5 करोड़, पढ़ें सरकारी पैसे की बर्बादी की कहानी

ओडिशा में बवाल मचा गया है। दरअसल, वन विभाग ने 7.1 करोड़ में 51 महिंद्रा थार गाड़ियां खरीदीं, लेकिन कस्टमाइजेशन पर 5 करोड़ खर्च कर दिए। अब सरकार ने स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया है।

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Dec 23, 2025
महिंद्रा थार। (फोटो- X/Mahindra)

ओडिशा में वन और पर्यावरण विभाग के फील्ड स्टाफ के लिए पिछले साल 7.1 करोड़ रुपये में 51 महिंद्रा थार गाड़ियां खरीदी गईं थीं। लेकिन इन ऑल-टेरेन गाड़ियों (एटीवी) में कस्टमाइजेशन पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। जिस पर बवाल मच गया है।

अब ओडिशा सरकार ने गाड़ियों की खरीद और कस्टमाइजेशन में कथित अनियमितताओं को देखते हुए स्पेशल ऑडिट का आदेश दिया है। ये 51 ऑल-टेरेन गाड़ियां पिछले साल नवंबर में खरीदी गईं थीं।

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ओडिशा की स्पेशल ऑडिट टीम करेगी जांच

ओडिशा के वन और पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंहखुंटिया ने कहा कि पीसीसीएफ (PCCF (वन्यजीव) के ऑफिस का स्पेशल ऑडिट ओडिशा की स्पेशल ऑडिट टीम द्वारा किया जाएगा। इसमें एक-एक बात पर खास ध्यान दिया जाएगा।

इन गड़बड़ियों की होगी जांच

अनियमितताओं के आरोपों के बाद मंत्री ने कहा था कि मामले की जांच की जाएगी। वहीं, इस मामले में एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि स्पेशल ऑडिट के दौरान यह भी वेरिफाई किया जाएगा कि कस्टमाइजेशन के लिए पैसे मंजूर करते वक्त सही प्रोसेस फॉलो किया गया था या नहीं।

यह भी पता लगाया जायेगा कि क्या 5 करोड़ के कस्टमाइजेशन के लिए राज्य के फाइनेंस डिपार्टमेंट की सहमति थी? इसके अलावा, इस बात की भी जांच होगी कि थार में लगाए गए सामानों की जरूरत थी या नहीं और क्या कोई बाहरी एजेंसी इस डील में शामिल थी?

गाड़ियों में जोड़े गए थे 21 आइटम

सूत्रों के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि वैन विभाग के लिए खरीदी गई एक-एक थार गाड़ी में 21 आइटम जोड़े गए थे। जिस पर 5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

ये 21 आइटम इसलिए गाड़ियों में लगाए गए थे ताकि वे तेजी पेट्रोलिंग, मॉनिटरिंग और सर्विलांस कर सकें। इसके अलावा, जंगलों में रिस्पॉन्स टाइम कम करके गैर-कानूनी गतिविधियों पर रोक लगा सकें।

आग बुझाने में भी ये गाड़ियां सक्षम

ये गाड़ियां जंगल में लगी आग को भी बुझाने के काम आ सकती हैं। यह ओडिशा के लिए एक बड़ी समस्या मानी जाती है। इस प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कुछ खास बातों को ध्यान में रखकर गाड़ियों को कस्टमाइज कराया गया था।

जैसे कि उन्हें जंगलों के ऊबड़-खाबड़ और मुश्किल रास्तों पर चलने लायक बनाना, ताकि गहन पेट्रोलिंग की जा सके। अगर ऑडिट प्रोसेस के दौरान कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

Published on:
23 Dec 2025 07:17 am
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