कांग्रेस के पूर्व मंत्री अश्विनी कुमार ने अपनी किताब के विमोचन के दौरान कहा कि, कोई भी पार्टी या फिर कोई भी पीएम सब कुछ गलत करते हैं यह मानना सही नहीं है।
कांग्रेस सरकार में कानून एवं न्याय मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री की सराहना की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सबकुछ गलत नहीं करते हैं। शुक्रवार को अपनी किताब 'Guardians of the Republic' के विमोचन के दौरान कुमार ने यह बात कही। पूर्व मंत्री ने इस दौरान यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस पार्टी के बिना कोई मज़बूत विपक्ष नहीं हो सकता है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब पार्टी कहीं न कहीं अपनी पकड़ खो चुकी है।
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कुमार ने आगे कहा, कांग्रेस के लिए खुद को मजबूत करना अब एक राष्ट्रीय दायित्व बन गया है। उन्होंने कहा, आपको छोटे विचारों की नहीं बल्कि आत्मा की विशालता और दिल की उदारता की जरूरत है। यह नेतृत्व का गुण पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और जवाहरलाल नेहरू में था। कुमार ने कहा, वो यह नहीं मानते हैं कि किसी भी प्रधानमंत्री के किए गए सभी कार्य गलत ही होते हैं। पूर्व मंत्री ने आगे कहा, यह धारणा कि यह सरकार सब कुछ गलत कर रही है या ये प्रधानमंत्री सब गलत कर रहे है, यह सही नहीं है।
कांग्रेस शासन में मंत्री पद संभालने के बाद पार्टी छोड़ने वाले कुमार से जब यह पूछा गया कि क्या उनकी विचारधारा अब भी पार्टी से जुड़ी है तो उन्होंने जवाब में कहा कि कांग्रेस की विचारधारा के लिए आज भी मेरे मन में सबसे अधिक सम्मान है। मैं इसके वर्तमान नेताओं का भी बहुत आदर करता हूं। मैंने भले ही पार्टी छोड़ दी है लेकिन सोनिया गांधी के लिए मेरे मन में सबसे अधिक सम्मान है क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक जीवन में हमेशा शिष्टता और शालीनता बनाए रखी हैं।
कांग्रेस को बीजेपी के सामने लगातार हार का सामना क्यों करना पड़ रहा है इसके बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, पार्टी को अपने अंदर झांकने की जरूरत है। उन्होंने कहा, कांग्रेस एक बहुत ही महान पार्टी है और उसके बिना देश में मजबूत विपक्ष नहीं हो सकता है। इसका प्रभाव अभी भी पूरे देश में कायम है। कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों की कमी निकालने के बजाय अपनी कमज़ोरियां दूर करने के लिए अंदर झांकना चाहिए। कांग्रेस को खुद को मजबूत करने की जरूरत है। कुमार ने यह भी कहा कि जब नतीजे पक्ष में आते हैं तो विपक्ष EVM के नतीजों को सही मान लेता है और विपक्ष में आते हैं तो उन्हें खारिज कर देता है। यह बात उनकी आलोचना को कमजोर करती है।