G Ram G Bill: दो दिनों तक चली लंबी बहस के बाद गुरुवार को भाजपा सरकार का नया G Ram G बिल लोकसभा में पारित हो गया है।
MNREGA योजना को बदल कर उसकी जगह G Ram G बिल लाने के केंद्र सरकार के फैसले का विपक्ष जमकर विरोध कर रहा है। इसे लेकर पिछले दो दिनों से लोकसभा में बहस चल रही है। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध करते हुए भारी हंगामा किया। लेकिन विपक्ष की इस बिल को रोकने की लगातार कोशिशों के बावजूद भी लोकसभा में यह बिल पारित हो गया है। बिल के पास होने पर विपक्ष ने विरोध जताते हुए इस बिल की प्रतियां फाड़ दी है।
मोदी सरकार का यह नया बिल मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की जगह लेगा। विपक्षी सांसद सुबह से इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। विपक्ष की मांग थी कि इस बिल को सीधे पास करने की बजाय पहले स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। सरकार और विपक्ष के बीच लोकसभा में इसे लेकर लंबी बहस हुई। इसके बाद जब स्पीकर ने ध्वनिम मत से बिल के पास होने की घोषणा की तो विपक्षी सांसद विरोध जताते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए और उन्होंने इस बिल की कॉपियां फाड़नी शुरू कर दी।
नए बिल के पास होने के बाद अब कांग्रेस (UPA) सरकार द्वारा 2004 में लाई गई मशहूर मनरेगा योजना खत्म हो गई है। मनरेगा योजना जहां ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिन के रोजगार की गारंटी देती थी वहीं यह नई योजना 125 दिन के रोजगार की गारंटी देगी। G Ram G बिल में फसल की बुआई और कटाई के दौरान दो महीने के विशेष ब्रेक का प्रावधान भी है। मनरेगा में मजदूरी को पैसा जहां 15 दिन में मिलता था वहीं अब यह भुगतान 7 दिनों में होगा।
इस नए बिल को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में काफी हंगामा किया। INDIA गठबंधन के सांसद लोकसभा के बाहर, 'भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। ईसाइयों सहित अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करो' जैसे नारे लिखे बैनर लेकर इकट्ठा हुए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने हाथ में बैनर लिए सदन के बाहर जमकर हंगामा किया। विपक्ष के सवालों को जवाब देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में कहा कि हम किसी से भेदभाव नहीं करते बापू हमारी प्रेरणा और श्रद्धा है। चौहान ने यह भी कहा कि इस योजना में महात्मा गांधी का नाम 2009 के चुनावों के चलते जोड़ा गया था।