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Google Air View+: गूगल ने लॉन्च किया नया फीचर, रियल टाइम जान सकेंगे हवा सांस लेने लायक या नहीं

Google Air View+: दिल्ली-एनसीआर और इसके पड़ोसी राज्यों में वायु प्रदूषण को लेकर विकट हालात के बीच टेक दिग्गज गूगल ने एआइ-संचालित एयर व्यू प्लस फीचर लॉन्च किया है।

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Google Air View+: दिल्ली-एनसीआर और इसके पड़ोसी राज्यों में वायु प्रदूषण को लेकर विकट हालात के बीच टेक दिग्गज गूगल ने एआइ-संचालित एयर व्यू प्लस फीचर लॉन्च किया है। गूगल मैप के जरिए देशभर के यूजर्स को इससे गली-चौराहों की हवा में प्रदूषण की मात्रा का पता चल सकेगा। यह नितांत स्थानीय (हाइपरलोकल) स्तर पर वायु गुणवत्ता की रियल टाइम जानकारी देगा।

अब रियल टाइम में मिलेगी प्रदूषण की जानकारी

गूगल मैप पर प्रदूषण का स्तर बताने के लिए कलर-कोड सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। इसमें हरे रंग का मतलब सामान्य, जबकि गहरे लाल रंग का मतलब ज्यादा प्रदूषण है। रियल टाइम पॉल्यूशन ट्रैक करने का यह फीचर गूगल मैप के ऐप के साथ वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। वायु प्रदूषण स्वास्थ्य चुनौतियों का कारण बन रहा है। हाइपरलोकल स्तर पर वायु गुणवत्ता के बारे में अपूर्ण डेटा के कारण लक्षित कार्रवाई की क्षमता सीमित हो जाती है। गूगल के नए फीचर से लोगों के साथ सरकारी अधिकारी भी अपने इलाकों में वायु गुणवत्ता की जानकारी ले सकेंगे। देश के 150 से ज्यादा शहरों में विशेष सेंसर लगाए गए हैं, जो लगातार वायु गुणवत्ता की निगरानी करते हैं। ये हर मिनट तापमान और आर्द्रता के साथ विभिन्न वायु गुणवत्ता मापदंडों (पीएम2.5, पीएम10, सीओ2, एनओ2, ओजोन, वीओसी) को मापते हैं।

स्केल पर भी बताएगा एक्यूआई का स्तर

गूगल का नया फीचर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को 0 से 500 के स्केल पर भी बताएगा। जिस जगह जितना ज्यादा पॉल्यूशन होगा, वहां एक्यूआई नंबर उतना ज्यादा होगा। 0-50 को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मीडियम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 को अति गंभीर माना जाता है।

दिल्ली में प्रदूषण थोड़ा घटा, फिर भी परेशानी

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर में गुरुवार को थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( सीपीसीबी ) के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार सुबह आठ बजे तक दिल्ली में एक्यूआई 379 दर्ज किया गया। यानी यह अति गंभीर की श्रेणी से बाहर आया है। दिल्ली के कुछ इलाकों में यह 400 से ज्यादा होने के कारण कई ट्रेनें या तो देरी से चलीं या उनके समय में बदलाव किया गया।

Published on:
22 Nov 2024 08:21 am
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