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Haryana Election: हरियाणा का किला कैसे फतह करेगी बीजेपी? सामने है पहाड़ जैसी चुनौतियां

रियाणा (Haryana) में 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। प्रदेश में पिछले 10 सालों से बीजेपी (BJP) की सरकार है।

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Haryana Assembly Election: हरियाणा (Haryana) में 90 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। प्रदेश में पिछले 10 सालों से बीजेपी (BJP) की सरकार है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में व्यस्त है। जननायक जनता पार्टी (JJP) और आजाद समाज पार्टी (ASP) के बीच विधानसभा चुनावों (Assembly Election) को लेकर गठबंधन हो गया है। वहीं कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन की चर्चा चल रही है। दूसरी तरफ बीजेपी अकेले चुनाव मैदान में लड़ रही है।

बीजेपी ने जारी की पहली सूची

विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी जारी कर दी है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 67 उम्मीदवारों का नाम पहली सूची में जारी कर दिया है। बीजेपी की पहली सूची जारी होने पर नेताओं के बीच नाराज़गी भी देखने को मिली है। कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी तो कई नेताओं ने इस्तीफे भी दिए है। नेताओं के पार्टी छोड़ने और इस्तीफों के बीच सीएम नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने कहा था कि उनको समझाने का प्रयास किया जाएगा।

इन नेताओं ने दिया इस्तीफा

बीजेपी ने रनिया विधानसभा सीटे से रणजीत सिंह चौटाला (Ranjit Singh Chautala) का टिकट काट दिया। उनकी जगह शीशपाल कंबोज को टिकट दिया गया है। रणजीत सिंह चौटाला इस बात से नाराज हो गए और इस्तीफा दे दिया है। वहीं बीजेपी से विधायक लक्ष्मण नापा (Lakshman Napa) ने भी इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, उनकी जगह रतिया से बीजेपी ने सुनीता दुग्गल को टिकट दिया है। नापा इस बात से नाराज हो गए और बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा वरिष्ठ नेता शमशेर गिल, हरियाणा ओबीसी मोर्चा के प्रमुख करणदेव कंबोज, हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखवीर श्योरण ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

BJP के लिए ये है चुनौती

बता दें कि प्रदेश में पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार है। बीजेपी इस बार भी अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है। लेकिन इस बार बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसानों की नाराजगी और महिला पहलवानों के मामले में बढ़ा असंतोष है। हाल ही में बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था। कंगना रनौत ने बांग्लादेश में हुए आंदोलन को भारत में हुए किसान आंदोलन से जोड़ दिया था। इसको लेकर काफी बवाल भी मचा था। हालांकि पार्टी ने खुद को इस बयान से अलग कर लिया। लेकिन कंगना के इस बयान से किसानों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। दूसरा महिला पहलवानों के मामले को लेकर भी हरियाणा के लोगों में असंतोष नजर आया है।

विनेश और बजरंग के शामिल होने से कांग्रेस को फायदा

महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) और ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) कांग्रेस में शामिल हो गए है। कांग्रेस ने बजरंग पूनिया को अखिल भारतीय किसान सभा का चेयरमैन भी बनाया है। इन दोनों खिलाड़ियों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस को फायदा होगा, क्योंकि ये दोनों सेलिब्रिटी है। हाल ही में विनेश फोगाट किसान आंदोलन में भी शामिल हुई थी।

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