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Viral Video of Diwali: दिवाली पर गिफ्ट में सोहन  पापड़ी मिली तो भड़के कर्मचारी, फैक्ट्री के गेट पर फेंके डिब्बे

Viral Video of Diwali: हरियाणा के सोनीपत में फैक्ट्री कर्मचारियों ने दिवाली उपहार में सोहन पापड़ी मिलने पर गुस्से में डिब्बे फेंक दिए।

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Oct 22, 2025
दीपावली पर गिफ्ट में मिली सोहन पापड़ी कर्मचारियों ने फैक्ट्री के गेट पर फेंक दी। (फोटो: स्क्रीन शॉट X/@m_kushagra)

Viral Video of Diwali: दिवाली पर हर कंपनी में कर्मचारियों को कुछ न कुछ देने की परंपरा है। हरियाणा के सोनीपत में एक फैक्ट्री के कर्मचारियों ने अपने नियोक्ता के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। दिवाली के मौके पर बोनस की उम्मीद कर रहे मजदूरों को जब उपहार में सोहन पापड़ी के डिब्बे मिले, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए कर्मचारियों ने इन डिब्बों को फैक्ट्री के गेट पर फेंक दिया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सोनीपत के गनौर इलाके में स्थित इस फैक्ट्री में कर्मचारियों को बताया गया था कि उन्हें दिवाली पर बोनस दिया जाएगा। मजदूरों को उम्मीद थी कि उन्हें नकद राशि या कोई कीमती उपहार मिलेगा। लेकिन, जब उन्हें सोहन पापड़ी के डिब्बे थमाए गए (Diwali Gift Protest), तो उनकी निराशा गुस्से में बदल गई। वायरल वीडियो (Viral Video of Diwali) में दिख रहा है कि कर्मचारी बिना खोले डिब्बों को गेट के बाहर फेंक रहे हैं। यह वीडियो किसी न्यूज़ चैनल पर भी दिखाया गया, जिसमें एंकर ने बताया कि कंपनी ने बोनस का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है और लोग इस पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। कुछ लोग कर्मचारियों के गुस्से को सही ठहरा रहे हैं, उनका कहना है कि कंपनी ने वादा तोड़कर मजदूरों के साथ धोखा किया। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि मिठाई को जमीन पर फेंकना गलत था। एक यूजर ने X पर लिखा, “मिठाई तो मिठाई होती है, उसे फेंकना ठीक नहीं।” एक अन्य यूजर ने कंपनी की आलोचना करते हुए कहा कि कर्मचारियों की मेहनत का सम्मान करना चाहिए।

सोन पापड़ी की बदनामी क्यों ?

सोहन पापड़ी एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है, जो अक्सर त्योहारों पर उपहार के रूप में दी जाती है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में इसे लेकर मजाक और मीम्स की बाढ़ आ गई है। कई लोग इसे सस्ता और आखिरी मौके पर चुना गया उपहार मानते हैं। इस घटना ने सोन पापड़ी की इस छवि को और मजबूत कर दिया है। लोग इसे अब मजाक में “अवांछित उपहार” कहने लगे हैं।

क्या है इस घटना का सबक ?

यह घटना सिर्फ सोन पापड़ी के डिब्बों तक सीमित नहीं है। यह नियोक्ता और कर्मचारियों के बीच विश्वास और संवाद की कमी को दर्शाती है। अगर कंपनी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया होता कि बोनस नहीं दिया जा सकता, तो शायद यह स्थिति टल सकती थी। कर्मचारियों की अपेक्षाओं को समझना और उन्हें समय पर सूचित करना ऐसी घटनाओं को रोक सकता है।

उपहारों की परंपरा पर भी सवाल

यह मामला भारतीय कार्यस्थल संस्कृति और त्योहारी उपहारों की परंपरा पर भी सवाल उठाता है। क्या कंपनियों को अपने कर्मचारियों की अपेक्षाओं को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है? इस वायरल वीडियो ने निश्चित रूप से इस बहस को हवा दी है।

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