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Parliament Session: कैसा रहा संसद का शीतकालीन सत्र? लोकसभा और राज्यसभा में कितना हुआ काम

parliament winter session 2025: इस बार संसद का सत्र पिछले कई बार के मुकाबले ज्यादा कामकाजी भरा दिखा। विपक्ष और सत्ता पक्ष ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि, SIR वोट चोरी व कई अन्य मुद्दों पर सदन के भीतर नारेबाजी भी हुई। पढ़ें पूरी खबर

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Dec 20, 2025
संसद (Photo-IANS)

parliament winter session: संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। राज्यसभा में करीब 92 घंटे विधायी कार्य किया और इसकी उत्पादकता 121 फीसदी रही। जबकि लोकसभा की उत्पादकता 111 फीसदी रही। वहीं 92 घंटे 25 मिनट की चर्चा हुई।

राज्यसभा में उपराष्ट्रपति सी.पी.राधाकृष्णन ने कहा कि राज्यसभा का यह सत्र उनके लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि पद संभालने के बाद उन्होंने पहली बार राज्यसभा का सभापतित्व किया। उन्होंने कहा कि शून्यकाल के दौरान उठाए गए मामलों की संख्या पिछले अभिलेख से काफी ज्यादा रही है। औसतन हर दिन 15 से ज्यादा मामले आए, जो पिछले दो सत्रों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को कुछ विपक्षी सदस्यों के तख्तियां प्रदर्शित कर मंत्री के भाषण को बाधित करना, पत्र फाड़ कर फेंकना मर्यादा के अनुकूल नहीं है। इस पर सदस्य आत्ममंथन करेंगे।

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लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने जताया आभार

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को बताया कि सत्र की उत्पादकता 111 फीसदी रही है। सदन को चलाने में सहयोग करने के लिए सभी सांसदों का आभार जताकर उन्होंने अनिश्चितकाल के लिए कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

सत्र की खास बातें:

राज्यसभा:

  1. वंदे मात्रम पर दो दिन तक चर्चा हुई। इसमें 82 सदस्यों ने भाग लिया।
  2. चुनाव सुधारों पर तीन दिन की चर्चा में 57 सदस्यों ने भाग लिया
  3. गैर सरकारी सदस्य विधेयक: 59 पुर:स्थापित किए गए।
  4. कुल 58 तारांकित प्रश्न।
  5. शून्यकाल निवेदन 208 तथा 87 विशेष उल्लेख उठाने का अवसर।

लोकसभा:

  1. वंदे मातरम पर 11 घंटे 32 मिनट तक चर्चा। 65 सदस्यों ने भाग लिया।
  2. चुनावी सुधार पर करीब 13 घंटे तक चर्चा, जिसमें 63 सदस्यों ने भाग लिया।
  3. सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए और 8 विधेयक पारित किए गए।
  4. 300 तारांकित प्रश्न लिए गए, 72 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। जबकि कुल 3449 अतारांकित प्रश्न स्वीकार किए गए।
  5. गैर-सरकारी सदस्यों ने 137 विधेयक पेश किए।
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