राष्ट्रीय

कांग्रेस की सरकार बनी तो बिहार में फिर खुलेंगी शराब की दुकानें, विधायक के बड़े बोल

Bihar Election 2025: कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने आगे कहा कि बिहार में आज जगह-जगह शराब बिक रही है। ऐसे में शराबबंदी को खत्म कर देना चाहिए।

2 min read
Jul 22, 2025
कांग्रेस की सरकार बनने पर खोली जाएगी शराब की दुकानें- MLA अजीत शर्मा (Photo- X @ajeetsharmainc)

Bihar Politics: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है। बिहार में एक बार फिर शराबबंदी का मामला सुर्खियों में आ गया है। शराबबंदी को लेकर भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो सभी विषयों पर समीक्षा की जाएगी और यदि जरूरत हुई तो शराब की दुकानों को फिर से खोला जाएगा। राजस्व को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा।

ये भी पढ़ें

Bihar Monsoon Session: SIR पर विधानसभा परिसर में हुआ हंगामा, मार्शलों से भिड़े विधायक, स्पीकर के सामने उठाई कुर्सी

प्रदेश में बिक रही शराब-कांग्रेस

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने आगे कहा कि बिहार में आज जगह-जगह शराब बिक रही है। ऐसे में शराबबंदी को खत्म कर देना चाहिए। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस विधायक ने शराबबंदी को बंद करने की बात कही है। इससे पहले भी वे कई बार इसको लेकर बयान दे चुके हैं।

शराब बंदी हटनी चाहिए-अजीत शर्मा

जनवरी में बेतिया जिले में 6 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय अनुमान लगाया गया था कि इनकी मौत शराब पीने से हुई है। इस मामले में कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा था कि शराबबंदी अच्छी बात है लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से शराब की बिक्री होती है। यह बात मुख्यमंत्री भी जानते है। इसलिए बिहार से शराबबंदी हटनी चाहिए। 

PK ने भी शराबबंदी समाप्त करने का किया था ऐलान

बता दें कि जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने भी शराबबंदी समाप्त करने का ऐलान किया था। पीके ने कहा था कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनती तो एक घंटे में प्रदेश से शराबबंदी को समाप्त कर देंगे। पीके ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी का फैसला नीतीश सरकार की तरफ से एक ढकोसला है। 

पीके ने की शराबबंदी की आलोचना

जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने शराबबंदी की आलोचना भी की थी। साथ ही पीके ने दावा किया कि यह फैसला अप्रभावी साबित हुआ है। शराबबंदी के कारण अवैध घरेलू शराब वितरण बढ़ गया है और राज्य को 20,000 करोड़ रुपये के संभावित उत्पाद शुल्क राजस्व से वंचित कर दिया है। 

ये भी पढ़ें

धनखड़ के इस्तीफे के बाद नीतीश को VP बनाने की उठी मांग, BJP विधायक के दावे के बाद बिहार में सियासी हलचल तेज

Also Read
View All

अगली खबर