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IMA ने आंध्र प्रदेश के फैसले को बताया ‘बड़ी गलती’, कहा- आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को सर्जरी की अनुमति खतरनाक

IMA अध्यक्ष डॉ. दिलीप पी. भानुशाली ने फैसले को वास्तव में परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा, हम आयुर्वेद या होम्योपैथी का सम्मान करते हैं, लेकिन इसे अपने मूल और शुद्ध रूप में बढ़ावा दिया जाए।

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Dec 26, 2025
सर्जरी

आंध्र प्रदेश सरकार ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को चुनिंदा सर्जरी करने की अनुमति देकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। 24 दिसंबर 2025 को स्वास्थ्य मंत्री सत्या कुमार यादव ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसके तहत पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षित आयुर्वेदिक डॉक्टर स्वतंत्र रूप से 58 तरह की सर्जिकल प्रक्रियाएं कर सकेंगे। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने इसे बड़ी गलती करार देते हुए तीखा विरोध जताया है, चेतावनी दी कि इससे मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

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58 सर्जरी की अनुमति

आंध्र प्रदेश सरकार ने यह फैसला केंद्र सरकार की Indian Medicine Central Council (2020) और National Commission for Indian Systems of Medicine (NCISM) की गाइडलाइंस के तहत लिया है। योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टर अब शल्य तंत्र के तहत 39 और शलाक्य तंत्र (ENT व नेत्र रोग) के तहत 19 प्रक्रियाएं स्वतंत्र रूप से कर सकेंगे। इनमें संक्रामक रोगों का इलाज, घाव सिलाई, बवासीर-फिशर का उपचार, सिस्ट हटाना, स्किन ग्राफ्टिंग, मोतियाबिंद सर्जरी, टॉन्सिल ऑपरेशन आदि शामिल हैं।

केंद्र की 2020 गाइडलाइंस के अनुरूप

स्वास्थ्य मंत्री यादव ने कहा कि पिछली सरकार ने AYUSH सेवाओं की उपेक्षा की, जबकि केंद्र ने 2020 में ही नियम बना दिए थे। उन्होंने विजयवाड़ा के डॉ. एनआरएस सरकारी आयुर्वेद कॉलेज में तुरंत पोस्टग्रेजुएट कोर्स शुरू करने और ऑपरेशन थिएटर, उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। राज्य में एक सरकारी और दो निजी आयुर्वेद कॉलेज हैं।

IMA अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली की चेतावनी

IMA अध्यक्ष डॉ. दिलीप पी. भानुशाली ने फैसले को वास्तव में परेशान करने वाला बताया। उन्होंने कहा, हम आयुर्वेद या होम्योपैथी का सम्मान करते हैं, लेकिन इसे अपने मूल और शुद्ध रूप में बढ़ावा दिया जाए। आधुनिक चिकित्सा के साथ क्यों मिलाएं? सर्जरी कोई साधारण कौशल नहीं, इसमें 10 साल की विशेष ट्रेनिंग लगती है। डॉ. भानुशाली ने चेतावनी दी कि इससे मरीजों को गंभीर समस्याएं होंगी और स्वास्थ्य मानकों में गिरावट आएगी।

IMA ने स्वास्थ्य मंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की बात कही। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में PIL भी लंबित है। IMA का मानना है कि यह "मिक्सोपैथी" को बढ़ावा देगा, जो दोनों प्रणालियों की गरिमा को नुकसान पहुंचाएगा।

2020 से चला आ रहा विवाद

केंद्र सरकार ने 2020 में आयुर्वेदिक पोस्टग्रेजुएट्स को सर्जरी ट्रेनिंग की अनुमति दी थी, जिसका IMA ने तब भी विरोध किया। कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश में इसे लागू किया गया, लेकिन आलोचना जारी है। चिकित्सा जगत में बहस है कि आयुर्वेद में सर्जरी की प्राचीन परंपरा है, लेकिन आधुनिक सर्जरी के लिए MBBS व स्पेशलाइजेशन जरूरी।

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Updated on:
26 Dec 2025 07:37 pm
Published on:
26 Dec 2025 07:20 pm
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