राष्ट्रीय

Gujarat: बिल्डर से परेशान पुजारी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात

Builder Harassment: पुजारी के बेटे ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। जिसमें उसने कहा कि मेरे पिता को निगम, बिल्डरों और कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, क्योंकि ये मंदिर को गिराना चाहते थे। 

2 min read
Mar 17, 2025
File Image

Gujarat News: गुजरात में एक पुजारी द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पुजारी के बेटे ने निगम, बिल्डरों और पुलिस अधिकारियों पर पिता को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। बेटे के मुताबिक मंदिर को टूटने से बचाने और दबाव के कारण उनके पिता ने आत्महत्या की है। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक कार्रवाई की। बता दें कि पूरी घटना शहर के कुबेरनगर की है।

पुजारी के बेटे ने वीडियो संदेश किया जारी

पुजारी के बेटे ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। जिसमें उसने कहा कि मेरे पिता को निगम, बिल्डरों और कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, क्योंकि ये मंदिर को गिराना चाहते थे। 

पुलिस ने दावों का किया खंडन

वहीं पुलिस और नगर निगम ने मंदिर को गिराए जाने के दावों का खंडन किया है। जी- डिवीजन के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त वीएन यादव ने कहा कि नगर निगम के अनुरोध पर पुलिस को तैनात किया गया है। उन्होंने यह भी कहा पुजारी के बेटे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी। आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है।

सुसाइड नोट में मंदिर को बचाने की लिखी बात

वहीं पुजारी ने आत्महत्या करने से पहले एक लैटर लिखा था। इसमें पुजारी ने लिखा कि मैं अपने मंदिर की अधूरी लड़ाई अपने बेटे ब्रजेश को सौंप रहा हूं। उन्होंने लिखा यह जमीन उनकी जन्मभूमि है और परिवार और समुदाय के लिए एक पवित्र स्थान है।

निगम ने भी जारी किया बयान

वहीं नगर निगम की ओर से भी एक बयान जारी हुआ है। बयान में बताया कि संतोषीनगर अहमदाबाद नगर निगम के उत्तरी जोन क्षेत्र के नरोदा वार्ड में एएमसी के भूखंड पर स्थित है। संतोषीनगर में करीब 475 आवासीय झुग्गियां और 22 व्यावसायिक दुकानें हैं।

मंदिर को उसी स्थान पर रखने का लिया निर्णय

निगम ने बताया कि उक्त कार्य के डेवलपर को संतोषी माता मंदिर के नाम से जाने जाने वाले मौजूदा प्राचीन मंदिर के 1251 वर्ग मीटर क्षेत्र को काटकर पुनर्विकास योजना की योजना बनाने के लिए सूचित किया गया था। निगम ने बयान में यह भी कहा कि लोगों की धार्मिक भावनाओं के कारण, मंदिर को वैसे ही और उसी स्थान पर रखने का निर्णय लिया गया।

Published on:
17 Mar 2025 11:10 am
Also Read
View All

अगली खबर