Israel-Iran War India Iran Evacuation 2025: ईरान-इज़राइल युद्ध के बीच भारत ने 10,000 भारतीयों की सुरक्षा के लिए उनकी वापसी का अभियान शुरू किया है, जिसमें अधिकतर छात्र शामिल हैं।
Israel-Iran War India Iran Evacuation 2025: ईरान-इज़राइल जंग (Israel-Iran War) के मद्देनज़र भारत सरकार ने अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षा निकालने के लिए निकासी अभियान ((India Iran evacuation 2025) ) शुरू किया है। अब तक लगभग 100 भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, और पहली निकासी उड़ान आज रात भारत के लिए रवाना हो सकती है। ध्यान रहे कि तेहरान और अन्य शहरों में इज़राइल के हवाई हमलों के बाद भारतीय छात्र असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कई छात्रों ने भारतीय दूतावास से फौरन भारत पहुंचाने का इंतजाम करवाने की मांग की है , और कुछ को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। हालांकि, अधिकतर छात्र अभी भी ईरान में फंसे हुए (Indian students stuck in Iran) हैं, और उनकी निकासी प्रक्रिया जारी है।
ईरान से भारतीयों को लेकर पहली निकासी उड़ान आज रात करीब 2 बजे भारत पहुंचने की संभावना है। यह विशेष उड़ान यरेवन (Yerevan) से रवाना हुई है और रात 2 बजे तक इसके भारत पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस उड़ान में ज्यादातर छात्र और वहां फंसे अन्य भारतीय नागरिक सवार हैं। भारत सरकार ने हालात को देखते हुए आपातकालीन राहत योजना के तहत यह ऑपरेशन शुरू किया है।
भारत सरकार ने ईरान में फंसे नागरिकों की सहायता के लिए एक 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। निकासी उड़ानों की संख्या बढ़ाने और सुरक्षित मार्गों की पहचान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आर्मेनिया से भारत की ओर निकासी के बीच आज रात 90 कश्मीरी छात्र दिल्ली पहुंचेंगे।
वर्तमान में, ईरान में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक निवास करते हैं, जिनमें से लगभग 6,000 छात्र हैं। इनमें से अधिकांश मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र हैं, जो कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तलाश में ईरान आए थे।
जानकारी के अनुसार भारत में छात्रों के परिवारों और सामाजिक संगठनों ने सरकार के इस त्वरित कदम की सराहना की है। सोशल मीडिया पर लोगों ने विदेश मंत्रालय की सक्रियता को “समय पर और जीवनरक्षक” बताया है। वहीं कुछ ने चिंता जताई कि निकासी अभियान और तेज़ होना चाहिए क्योंकि अभी हजारों छात्र फंसे हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने "ईरान के आसमान पर पूरा और समग्र नियंत्रण कर लिया है।" उन्होंने ईरान के अयातुल्ला खामेनेई को चेतावनी देते हुए कहा कि "हमें ठीक-ठीक पता है कि तथाकथित 'सर्वोच्च नेता' कहाँ छिपा है। वह एक आसान लक्ष्य है, लेकिन वहाँ सुरक्षित है - हम उसे मार नहीं सकते (मार नहीं सकते!), कम से कम अभी तो नहीं। लेकिन हम नहीं चाहते कि मिसाइलें नागरिकों या अमेरिकी सैनिकों पर दागी जाएँ। हमारा धैर्य खत्म हो रहा है। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद!"
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार, 13 जून, 2025 से इजराइल और ईरान के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव खुले युद्ध में बदल गया है, जो प्रत्यक्ष सैन्य टकराव की एक अभूतपूर्व अवधि चिह्नित करता है। इजराइल ने ईरान भर में लड़ाकू जेट और ड्रोन हमलों का एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल उत्पादन सुविधाओं, डिटेक्शन रडार साइटों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लांचर सहित परमाणु और सैन्य स्थलों को निशाना बनाया गया।
रिपोर्ट्स में आवासीय क्षेत्रों और ईंधन डिपो पर हमले का संकेत दिया गया है, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कम से कम 224 लोगों की मौत और 1,200 से अधिक लोगों के घायल होने की रिपोर्ट दी है, जिनमें से अधिकतर नागरिक हैं। इज़रायली सेना ने कथित तौर पर कई शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को भी मार गिराया है।
IDF का दावा है कि उसने ईरान के सतह से सतह पर मार करने वाले मिसाइल लॉन्चरों में से एक तिहाई को नष्ट कर दिया है और तेहरान पर "पूर्ण हवाई श्रेष्ठता" हासिल कर ली है, साथ ही 2,300 किलोमीटर दूर एक ईरानी ईंधन भरने वाले विमान को भी मार गिराया है।
जवाबी कार्रवाई में, तेहरान ने इज़राइली शहरों और कस्बों पर मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार की है, जिससे कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और 592 लोग घायल हो गए, जिसमें हाइफ़ा में एक प्रमुख तेल रिफाइनरी भी शामिल है। IDF ने 100 से अधिक ईरानी यूएवी को रोकने की पुष्टि की है।
चीन, तुर्की और G7 नेताओं सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तत्काल तनाव कम करने का आह्वान किया है, लेकिन दोनों पक्ष अवज्ञाकारी बने हुए हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य "अस्तित्व संबंधी" परमाणु और मिसाइल खतरों को विफल करना है और उन्होंने ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने से इनकार नहीं किया है । उन्होंने सुझाव दिया है कि इससे "संघर्ष समाप्त हो जाएगा।"