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भारत ने लॉन्च किया ‘स्वदेशी’ 4G नेटवर्क, दुनिया के बड़े देशों की कतार में शामिल

Indigenous 4G Network India: भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी 4G नेटवर्क लॉन्च किया है, जो देश की दूरसंचार प्रणाली को मजबूत करेगा।

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Sep 27, 2025
बीएसएनएल के इन टॉवरों का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से किया गया है। ( फोटो: IANS.)

Indigenous 4G Network India: भारत ने अपनी दूरसंचार तकनीक में एक बड़ी सफलता हासिल की (BSNL 4G Launch)है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने हाल ही में बीएसएनएल के स्वदेशी 4G नेटवर्क (Indigenous 4G Network) का उद्घाटन किया। इस कदम के साथ भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जो खुद अपने दूरसंचार उपकरण बनाते हैं, जैसे कि चीन, डेनमार्क, स्वीडन और दक्षिण कोरिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बीएसएनएल की 92,600 4G तकनीक से लैस साइटों और कुल 97,500 से अधिक मोबाइल टावरों का भी उद्घाटन किया। यह सभी टावर भारत में विकसित स्वदेशी तकनीक के जरिए बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 37,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे देश की दूरसंचार अवसंरचना और भी मजबूत होगी।

क्लाउड आधारित तकनीक से होगी 5G के लिए भी तैयारी

भारत का यह नया 4G नेटवर्क क्लाउड-आधारित है, यानी यह भविष्य की तकनीकों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इसे आसानी से 5G नेटवर्क में अपग्रेड किया जा सकता है। इससे भारत की डिजिटल क्षमता में तेज़ी से विकास होगा और देश विश्व स्तर पर तकनीकी रूप से और मजबूत होगा।

दूर-दराज के इलाकों में पहुंचेगी डिजिटल क्रांति

इस नए स्वदेशी 4G नेटवर्क की मदद से खासकर उन दूरदराज के इलाकों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचेगी, जहां अभी तक कनेक्शन नहीं था। इसमें ओडिशा के 2,472 गांवों समेत देश के 26,700 से ज्यादा ऐसे गांव शामिल हैं, जो सीमांत या वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं। इससे लगभग 20 लाख नए लोगों को मोबाइल नेटवर्क का लाभ मिलेगा।

पर्यावरण के लिए भी बेहतर, सौर ऊर्जा से चलेंगे टावर

यह नए टावर सौर ऊर्जा से चलते हैं, जिससे ये पर्यावरण के लिहाज से भी लाभकारी हैं। ये भारत में हरित ऊर्जा पर आधारित दूरसंचार साइटों का सबसे बड़ा समूह हैं। इसका मतलब है कि देश में टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल दूरसंचार ढांचे का विकास हो रहा है।

डिजिटल इंडिया के सपने को मिलेगी नई उड़ान

प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया योजना के तहत डिजिटल भारत निधि के माध्यम से 100% 4G नेटवर्क के सपोर्ट का भी अनावरण किया। इस परियोजना के तहत 29,000 से 30,000 गांवों को जोड़ा गया है। यह मिशन मोड योजना ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में डिजिटल सुविधाओं को पहुंचाने का एक बड़ा कदम है।

स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम

भारत ने स्वदेशी 4G नेटवर्क के जरिए न केवल तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया है, बल्कि इसने रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दिया है। अब देश की दूरसंचार प्रणाली पर विदेशी निर्भरता कम होगी और भारत अपनी खुद की तकनीक विकसित करेगा।

दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ेगी

बहरहाल भारत ने स्वदेशी 4G नेटवर्क लॉन्च कर तकनीकी क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इससे देश के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ेगी, पर्यावरण के अनुकूल टावर लगेंगे और भविष्य में 5G नेटवर्क के लिए आधार तैयार होगा। यह भारत के डिजिटल इंडिया सपने को साकार करने में मददगार साबित होगा। (IANS)

Updated on:
27 Sept 2025 01:48 pm
Published on:
27 Sept 2025 01:47 pm
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