India-Singapore aviation agreement: भारत और सिंगापुर ने एविएशन ट्रेनिंग, अनुसंधान और डिजिटल तकनीक में सहयोग बढ़ाने के लिए नया समझौता किया है।
India-Singapore aviation agreement: भारत और सिंगापुर के बीच सिविल एविएशन (India Singapore aviation), ट्रेनिंग, रिसर्च और डिजिटल कनेक्टिविटी पर बड़ा समझौता (Civil aviation agreement) हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग (Lawrence Wong) ने गुरुवार को नई दिल्ली में मुलाकात कर कई अहम क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति जताई। वोंग ने कहा कि भारत और सिंगापुर की पार्टनरशिप (Aviation training partnership) साझा मूल्यों और गहरे विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि एक अस्थिर और बदलती दुनिया में यह पार्टनरशिप (Digital cooperation India Singapore) और भी महत्वपूर्ण है। नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) से मुलाकात के बाद वोंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों देशों के बीच लोगों का आपसी जुड़ाव हमारी मजबूती का आधार है। भारत और सिंगापुर मिलकर नए अवसरों का लाभ उठाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
वोंग ने बताया कि भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में लगभग एक-चौथाई हिस्सा सिंगापुर से आता है। दोनों देशों का सहयोग अब केवल ट्रेड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह डिजिटल, समुद्री और अंतरिक्ष क्षेत्रों तक फैल गया है।
दोनों देशों ने सिविल एविएशन में ट्रेनिंग, रिसर्च और डेवलपमेंट को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे एयर ट्रैवल, टूरिज्म और बिजनेस में तेजी आएगी और एविएशन इंडस्ट्री को नई उड़ान मिलेगी।
भारत पहले ही 20 से ज्यादा सिंगापुर निर्मित सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है। अब इस सहयोग को और आगे बढ़ाने पर सहमति बनी है। साथ ही, नवी मुंबई में PSA का भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल देश का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सिंगापुर ने चेन्नई में बनने वाले 'राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र' में भारत के साथ साझेदारी स्वीकार की है। इसके तहत सेमीकंडक्टर और एविएशन में स्किल डिवेलपमेंट पर काम होगा।
बहरहाल भारत और सिंगापुर ने तकनीक, एविएशन, अंतरिक्ष और डिजिटल क्षेत्रों में मिलकर काम करने की नई शुरुआत की है। इससे दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।