कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट की हत्या के मामले में जम्मू और कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी ने सोमवार देर रात श्रीनगर के आठ ठिकानों पर छापेमारी की।
जम्मू कश्मीर में तीन दशक से भी पहले हुई एक कश्मीरी पंडित महिला की बेरहमी से हत्या के मामले की फिर से जांच शुरु कर दी गई है। इसी कड़ी में जम्मू और कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी ने सोमवार देर रात श्रीनगर में आठ जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़े यासीन मलिक सेमत कई अन्य आतंकवादियों के घरों की तलाशी ली गई। 27 वर्षीय कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट की हत्या का यह मामला पिछले 35 सालों से न्याय के इंतजार में है। 18 अप्रैल, 1990 को सौरा के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के हब्बा खातून हॉस्टल से भट्ट का अपहरण हुआ था। इसके अगले दिन भट्ट का का गोलियों से छलनी शव श्रीनगर शहर के मल्लाबाग की उमर कॉलोनी की सड़क पर पड़ा मिला था।
कश्मीरी पंडितों को घाटी से निकालने की बड़ी साजिश के तहत भट्ट की हत्या की गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के अनुसार, भट्ट की जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़े आतंकवादियों ने की थी। उनके शव के पास से एक चिट्ठी भी पाई गई थी जिसमें उन्हें पुलिस का मुखबिर बताया गया था। श्रीनगर के निगीन पुलिस स्टेशन में भट्ट की हत्या का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अपराधियों को सजा नहीं मिल पाई थी।
पुलिस सूत्रों की मानें तो भट्ट का साहस और अन्याय के खिलाफ लड़ने का जज्बा ही उनकी मौत की वजह बन गया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अधिकार को खुली चुनौती देते हुए उनके पंडितों को सरकारी नौकरी छोड़ने और घाटी से चले जाने के चरमपंथी फरमानों की अवहेलना की थी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि भट्ट की हत्या के बाद भी उनके परिवार को डराया धमकाया गया था और स्थानीय लोगों को उनके अंतिम संस्कार में शामिल न होने की चेतावनी दी गई थी।
लंबे समय बाद पिछले साल भट्ट को न्याय दिलाने के लिए जांच ने फिर से रफ्तार पकड़ी थी और मामले को विशेष जांच एजेंसी को सौंपा गया था। इसी कड़ी में बीती रात जेल में बंद जेकेएलएफ आतंकवादी यासीन मलिक, जावेद नलका, पीर नूर उल हक शाह, अब्दुल हमीद शेख, बशीर अहमद गोजरी, फिरोज अहमद खान और गुलाम मोहम्मद टपलू के घर समेत श्रीनगर के आठ ठिकानों पर छापेमारी की गई। सूत्रों की मानें तो इस दौरान जांच टीम को कई आपत्तिजनक सबूत मिले है जिनकी मदद से न सिर्फ भट्ट और उनके परिवार को न्याय दिलाने में मदद मिलेगी बल्कि कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हुई पूरी आतंकवादी साजिश का भी पर्दाफाश हो सकेगा।