Kiran Bedi on Delhi pollution: पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने तर्क दिया कि यदि सरकारी अधिकारियों को समस्या की गंभीरता को समझना है तो उन्हें वायु प्रदूषण के प्रभाव का प्रत्यक्ष अनुभव करना होगा।
Kiran Bedi on Delhi pollution: पूर्व आईपीएस अधिकारी और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में गंभीर वायु प्रदूषण के बीच एक चौंकाने वाली माँग रखी है। उन्होंने सरकारी दफ्तरों और सरकारी आवासों में सरकारी खर्च पर एयर प्यूरीफायर लगाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की माँग की है। बेदी का तर्क है कि जब तक अधिकारी प्रदूषण की समस्या की गंभीरता को प्रत्यक्ष अनुभव नहीं करेंगे, तब तक वे इससे निपटने के लिए तत्परता नहीं दिखाएँगे।
एक्स (पहले ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में बेदी ने लिखा, "सरकारी कार्यालयों और आवासों में सरकारी खर्च पर एयर प्यूरीफायर लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए तो कैसा रहेगा?" उन्होंने आगे सवाल किया, "वे (अधिकारी) प्रदूषित हवा में साँस लेंगे तभी पता चलेगा कि क्या हो रहा है? इसके अलावा, इससे उन्हें मैदान में जाकर हॉटस्पॉट की जाँच करने में भी बाधा आती है।" बेदी का मत है कि इंसूलेशन के कारण अधिकारियों को बाहर की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाता, जबकि नागरिक सीने में जकड़न, खाँसी और छींकने जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। उन्होंने इस बिगड़ती हवा को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल बताया।
किरण बेदी ने ज़ोर देकर कहा कि "शासन को रिमोट से नियंत्रित नहीं किया जा सकता… धूल में खड़ा होना चाहिए, उसी हवा में साँस लेनी चाहिए, और तत्परता से कार्य करना चाहिए।" उनकी यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और वायु प्रदूषण कम करने के प्रयासों को निर्देशित करने की सार्वजनिक अपील के ठीक एक दिन बाद आई है।
बेदी ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक विस्तृत 'विचारित जिम्मेदारी योजना' (Thought-out Responsibility Plan) भी साझा की है। इस योजना में विभिन्न एजेंसियों की भूमिकाएँ स्पष्ट की गई हैं:
बेदी ने कहा कि यदि प्रत्येक एजेंसी अपनी भूमिका नेतृत्व, दृश्यता, स्थिरता और समन्वय के साथ निभाए, तो एनसीआर के वायु प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।