डीजीपी ने हिंसा के बारे में बात करते हुए बताया कि जिस इमारत में आग लगाई गई, उसमें चार महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थीं। आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई और चार लोगों की जान चली गई।
Ladakh Protest: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि पुलिस सामाजिक कार्यकर्ता के कथित पाकिस्तानी संबंधों और विदेशी फंडिंग की जांच कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि हमने एक पाकिस्तानी पीआईओ (खुफिया ऑपरेटिव) को गिरफ्तार किया है जो उसके बारे में रिपोर्टिंग कर रहा था। बता दें कि बुधवार को लेह में सड़कों पर प्रदर्शनकारी उतर गए। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के ऑफिस को आग के हवाला कर दिया। पुलिस ने भी भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैंस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया।
डीजीपी ने वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वांगचुक पाकिस्तान में डॉन के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे, इसलिए उन पर बड़ा सवालिया निशाना है। डीजीपी ने कहा कि सोनम वांगचुक का भड़काने की भी इतिहास रहा है, इसलिए आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए गिरफ्तारी ज़रूरी थी।
वहीं डीजीपी ने कहा कि सरकार पहले से ही लेह एपेक्स बॉडी और केडीए के साथ काम कर रही है। इसके बाद भी सोनम वांगचुक 6वीं अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा मांग रहे हैं, जिससे बाधाएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना है, तब से यहां छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की राजनीतिक मांग उठ रही है।
लेह में हुई हिंसा के बारे में डीजीपी ने कहा कि बुधवार को लेह में भीड़ जमा हो गई, जबकि केंद्र सरकार के साथ अगले कुछ दिनों के लिए दिल्ली में बातचीत पहले से तय थी। उन्होंने दावा किया- सीआरपीएफ जवानों को बेरहमी से पीटा गया, एक जवान अभी भी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट के कारण अस्पताल में भर्ती है।
डीजीपी ने हिंसा के बारे में बात करते हुए बताया कि जिस इमारत में आग लगाई गई, उसमें चार महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थीं। आत्मरक्षा में गोलीबारी की गई और चार लोगों की जान चली गई। उन्होंने आगे कहा कि 70-80 सुरक्षाकर्मी और इतनी ही संख्या में नागरिक घायल हुए।